नई दिल्ली : कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट (New coronavirus variant omicron) के संबंध में गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में वैश्विक स्थिति की समीक्षा की गई. बैठक में कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट (omicron variant) से निपटने के निवारक उपायों को मजबूत करने पर चर्चा की गई.
गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कहा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के परीक्षण, निगरानी पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की समीक्षा करेगी.
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गृह मंत्रालय ने कहा कि विशेष रूप से 'जोखिम में' श्रेणी के रूप में पहचाने जाने वाले देशों से आने वाले लोगों की निगरानी की जाएगी. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि COVID के ओमीक्रोन वेरिएंट के लिए जीनोमिक निगरानी को मजबूत और तेज किया जाएगा.
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने इसे चिंता उत्पन्न करने वाला स्वरूप घोषित करने के साथ 'ओमीक्रोन' नाम दिया है.
कोरोना वायरस के नए स्वरूप (New forms of corona virus) के सामने आने के बाद से दुनिया के विभिन्न देश दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पाबंदियां लगा रहे हैं, ताकि नए स्वरूप के प्रसार पर रोक लगाई जा सके. विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, ईरान, जापान, थाईलैंड, अमेरिका, यूरोपीय संघ के देशों और ब्रिटेन सहित कई देशों ने दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पर पाबंदियां लगाई हैं.
वेरिएंट पर टीका कंपनियों का क्या कहना है
एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना, नोवावैक्स और फाइजर सहित कई दवा कंपनियों ने कहा कि ओमीक्रॉन के सामने आने के बाद उनके पास ऐसी योजनाएं हैं कि टीके नए स्वरूप के अनुकूल होंगे. ऑक्सफोर्ड टीका समूह के निदेशक प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड (Professor Andrew Pollard, Director of the Oxford Vaccine Group) ने उम्मीद जताई कि ओमीक्रॉन से होने वाली गंभीर बीमारियों को रोकने में वर्तमान टीके प्रभावी हो सकते हैं. ऑक्सफोर्ड टीका समूह ने ही एस्ट्राजेनेका टीका का विकास किया है.
दक्षिण अफ्रीका से बेंगलुरु आए दो व्यक्ति संक्रमित
दक्षिण अफ्रीका से बेंगलुरु आए 2 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण (Corona infection in 2 people) पाया गया है. हालांकि अभी तक उनमें ओमीक्रोन की पुष्टि नहीं (Omicron not confirmed) हुई है.
आईसीएमआर ने क्या कहा
आईसीएमआर में महामारी विज्ञान और संचारी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन में संरचनात्मक परिवर्तन देखने को मिले हैं. लेकिन क्या यह नया वेरिएंट वास्तव में तेजी से फैल रहा है?. इस वेरिएंट पर टीके कितने प्रभावी होंगे इसे लेकर उन्होंने कहा कि यह समय बता सकता है, लेकिन टीके विभिन्न प्रकार के होते हैं. कुछ वायरस के स्पाइक प्रोटीन की ओर निर्देशित होते हैं जो रिसेप्टर से जुड़ जाते हैं. इसलिए, यदि वहां परिवर्तन होते हैं, तो टीके प्रभावी नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह समय की बात है लेकिन यह एक संभावना है.
(एक्स्ट्रा इनपुट- एजेंसी)