नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई घटनाओं को देखते हुए गृह मंत्रालय (MHA) ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) को जम्मू-कश्मीर में 'हाइब्रिड' आतंकवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा है. इस बारे में गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को ईटीवी भारत को बताया कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में टारगेट किलिंग में हाइब्रिड आतंकवादी की संलिप्तता पाई गई.
अधिकारी ने कहा, 'यह जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण बन गया है, क्योंकि हाइब्रिड आतंकवादियों की पहचान करना आसान काम नहीं है.' उन्होंने कहा कि कोई भी हाइब्रिड आतंकवादी हो सकता है. अधिकारी ने कहा, 'लश्कर-ए-तैयबा (LET), जैश-ए-मोहम्मद (JEM) जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन ज्यादातर भोले-भाले युवाओं को जेहाद के नाम पर कट्टरपंथी बनाकर निशाना बनाते हैं.'
कौन हैं हाइब्रिड आतंकवादी:हाइब्रिड आतंकवादी वे होते हैं जिन्हें सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया जाता है. इन्हें आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए इन्हें कट्टर बनाया जाता है. ये टारगेट हमलों को अंजाम देने के बाद अपने नियमित सामान्य जीवन में वापस आ जाते हैं.
सोपोर जिले में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हाल ही में चलाए गए एक ऑपरेशन में दो हाइब्रिड आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था और उनके पास से दो पिस्तौल भी बरामद की गई. अधिकारी ने कहा, 'इस तरह के हाइब्रिड आतंकवादियों को कट्टरपंथी बनाया गया था और उन्हें विशेष रूप से गैर-स्थानीय लोगों पर सॉफ्ट टारगेट पर हमले करने का निर्देश दिया गया था.' वहीं सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुई कई घटनाओं में हाइब्रिड आतंकवादी शामिल हैं. मई में, जम्मू-कश्मीर में कई टारगेट किलिंग हुईं, इनमें जहां राजस्व विभाग के एक अधिकारी राहुल भट्ट, रजनी बाला, एक स्कूल शिक्षक, एक बैंक प्रबंधक विजय कुमार टारगेट किलिंग के शिकार बने.
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन अपने आकाओं के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में युवाओं को 'हाइब्रिड आतंकवादी या अंशकालिक आतंकवादी' बनने के लिए कट्टरपंथी बनाते हैं. अधिकारी ने कहा, 'कई मौकों पर, उन्हें (हाइब्रिड आतंकवादी) आतंकी हमलों में शामिल होने के लिए पैसे और ड्रग्स का लालच दिया जाता है.' उन्होंने कहा कि ये आतंकी हमले करने के लिए पिस्तौल से लैस होते हैं.
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हाइब्रिड आतंकवादी को अल्पसंख्यक समुदाय के व्यापारियों, कार्यकर्ताओं, राजनीतिक नेताओं जैसे सॉफ्ट टारगेट पर हमले करने का काम सौंपा जाता है. हालांकि, अमरनाथ यात्रा के लिए मुश्किल से 17 दिन बचे हैं ऐसे में सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस साल जनवरी से पांच महीनों में अलग-अलग मुठभेड़ों में 71 स्थानीय और 29 विदेशियों सहित 100 से अधिक आतंकवादी मारे जा चुके हैं. पिछले साल इसी अवधि में सुरक्षा बलों ने कुल 50 आतंकवादी (49 स्थानीय और 1 विदेशी) को मार गिराया गया था. वहीं लश्कर-ए-तैयबा (LET) के 63 आतंकियों और जैश-ए-मोहम्मद (JEM) के 24 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था.