हैदराबाद : बुध (mercury) को सभी ग्रहों में युवराज कहा गया है. ये मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं. मीन इनकी नीच तथा कन्या उच्च राशि कही गई है. बुध ग्रह वाणी, लेखन, प्रकाशन, शिक्षण, बैंकिंग कार्य, चार्टर्ड एकाउंटेंट, गीत-संगीत, सलाहकार, व्यापार आदि के कारक हैं. बुध ग्रह की वक्री चाल का राशियों पर क्या असर पड़ेगा आइए जानते हैं.
मेष राशि (चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
सबसे पहले मेष राशि के जातकों की बात करें तो बुध आपके तीसरे और छठे भाव का स्वामी है. तीसरे और छठे भाव से आपके पराक्रम, रोग, ऋण और शत्रुओं का विचार होता है. यह आपके सातवें घर में वक्री होगा. यह जीवन में उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है. इसके अलावा मेष राशि के जातक इस समय अवधि में यात्रा करने से बचें. कार्य स्थल पर और व्यापार करते हैं तो उसमें अपनी जिम्मेदारियों को लेकर स्पष्ट रहें अन्यथा वाद-विवाद या गलतफहमी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. वैवाहिक जीवन में गलतफहमियों को बातचीत के माध्यम से निपटा लें. इसके अलावा मेष राशि के जातकों को विवाह करने में जल्दबाजी न करने की सलाह दी जाती है.
वृषभ राशि (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवे भाव का स्वामी है. दूसरे भाव से धन, वाणी और पांचवे भाव से आपकी संतान, बुद्धि, और शिक्षा का विचार होता है. इस समय अवधि में आप बीमार पड़ सकते हैं. वक्री बुध के गोचर के दौरान वृषभ राशि के जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है. इस दौरान जोखिम भरा आर्थिक फैसला लेने से बचें, क्योंकि इस दौरान प्रबल आशंका है कि आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. उचित परामर्श लेने के बाद ही निवेश का फैसला लें. यदि आपकी संतान शिक्षा ग्रहण कर रही है तो उस पर ध्यान दें.
मिथुन राशि (का, की, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा)
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर थोड़ी-बहुत परेशानियों के अलावा अनुकूल रहने वाला है. मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव का स्वामी है. स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी समय अनुकूल रहेगा. इस दौरान आपको कोई बड़ी परेशानी नहीं होने वाली है. इस दौरान बातचीत के दौरान गलतफहमियां पैदा न हों इसलिए बातों को स्पष्ट रखें. इस गोचर काल के दौरान आप अपने किसी पुराने दोस्त से दोबारा मिल सकते हैं. जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव का स्वामी है और प्यार, रोमांस और बच्चों के पांचवें भाव में यह वक्री होगा. इस दौरान प्रॉपर्टी, जमीन, जायदाद से संबंधित कोई मुद्दा हल हो सकता है.
कर्क राशि (ही, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तृतीय और द्वादश भाव का स्वामी है. वक्री बुध आपकी माता, सुख आदि के चतुर्थ भाव में होगा. इस दौरान आपको कहीं से धन लाभ होने की भी प्रबल संभावना बन रही है. वक्री बुध का गोचर कर्क जातकों के लिए थोड़ी चुनौतियां लेकर आ सकता है. इसके अलावा प्रॉपर्टी से संबंधित किसी मुद्दे को लेकर आप परेशान हो सकते हैं. सलाह दी जाती है कि धैर्य के साथ काम लें. आपको मां के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा. इस गोचर काल के दौरान आर्थिक पक्ष के लिहाज से यह समय बेहद अनुकूल रहेगा.
सिंह राशि (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
इस गोचर काल के दौरान आप यात्रा करने का विचार बना सकते हैं और यह आपकी उन्नति के लिए अच्छा होगा. सिंह राशि के जातकों के लिए बुध द्वितीय भाव और एकादश भाव का स्वामी है. यात्रा करने से अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे. सिंह जातकों के लिए वक्री बुध का गोचर अनुकूल परिणाम लेकर आएगा. नौकरी पेशा जातकों को प्रमोशन मिल सकता है या वेतन वृद्धि हो सकती है. जो लोग नई नौकरी की तलाश में हैं उन्हें सफलता मिल सकती है. उचित परामर्श लेने के बाद ही निवेश का फैसला लें. इस गोचर काल के दौरान आपको किसी भी तरह के निवेश से बचने की सलाह दी जाती है. पारिवारिक जीवन अनुकूल रहेगा. इस दौरान आप अपने भाई बहनों के साथ प्यार बढ़ेगा.
कन्या राशि (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
वक्री बुध का गोचर कन्या जातकों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा. इस राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें घर का स्वामी है. दसवां भाव करियर और पेशे का, पहला भाव आपकी आत्मा का कारक माना जाता है. इस गोचर काल के दौरान आपको अचानक और अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है. राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें घर का स्वामी है. इस दौरान नौकरी पेशा और व्यवसायी जातकों को शुभ परिणाम और सफलता हासिल होगी. आपको अचानक और अप्रत्याशित रूप से लाभ मिलने की भी संभावना है. पारिवारिक जीवन में थोड़ी मुश्किल होगी, बातचीत के माध्यम से समस्या का हल निकालने का प्रयत्न करें. यदि आप निवेश करना चाहते है तो इसके लिए यह समय उत्तम है.
तुला राशि (रा, री, रु, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
वक्री बुध का गोचर तुला राशि के जातकों के लिए कुछ विशेष अनुकूल नहीं कहा जा सकता है. तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है. नौवें भाव से भाग्य, धर्म और बारहवें भाव से व्यय, हानि और मोक्ष का विचार होता है. आर्थिक रूप से सावधानी बरतें और उचित परामर्श लेने के बाद ही निवेश का फैसला लें. ऐसे में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. इस गोचर काल के दौरान धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, आपका झुकाव धार्मिक गतिविधियों की तरफ ज्यादा रहने वाला है और आप किसी धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते हैं.
वृश्चिक राशि (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
वृश्चिक राशि के जातक भी वक्री बुध के गोचर के दौरान सावधान रहें तो ज्यादा अनुकूल रहेगा. वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और एकादश भाव का स्वामी है और यह खर्च, हानि और मोक्ष के द्वादश घर में वक्री होगा. निवेश करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह लें. इस दौरान नौकरीपेशा जातकों को अपने वरिष्ठ और सीनियर अधिकारियों से समर्थन और सहयोग नहीं प्राप्त होगा. ऐसे में इस दौरान आपको जो भी करना है अपने दम पर करना है. इसके अलावा इस दौरान आप थोड़े ज्यादा भावुक हो सकते हैं. स्वास्थ्य की बात करें तो आपको विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. अन्यथा कोई छोटी परेशानी भी बड़ी बनकर आपको दिक्कत में डाल सकती है. इस गोचर काल के दौरान पारिवारिक जीवन भी कुछ खास नहीं कहा जा सकता है.
धनु राशि (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढ, भे)
इस गोचर काल के दौरान आपकी सामाजिक स्थिति सुधरेगी. आपको करियर में नए अवसर मिलेंगे. इस राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव का स्वामी है और वर्तमान में यह ग्रह आपकी सफलता, लाभ आदि के एकादश भाव में वक्री होगा इस दौरान आप की सामाजिक स्थिति और मान सम्मान में सुधार आएगा. साथ ही पेशेवर जातकों को करियर में नए अवसर प्राप्त होंगे. इसके अलावा धनु राशि के व्यवसायी जातकों को भी इस अवधि में लाभ होगा. पारिवारिक जीवन की बात करें तो विवाहित जातकों को अपने जीवनसाथी का प्रेम मिलेगा. इसके अलावा जो लोग संपत्ति खरीद या बेच सकते हैं, उन्हें शुभ परिणाम अवश्य हासिल होगा. ये परिवर्तन आपके लिए बहुत लाभदायक होगा.
मकर राशि (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
इस गोचर काल के दौरान आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप कार्यस्थल पर आपकी साख में वृद्धि होगी. राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के आपके दसवें घर में यह वक्री गति करेगा. वक्री बुध का गोचर मकर राशि के जातकों के लिए मेहनत का समय साबित होगा. पारिवारिक जीवन के लिहाज से बात करें तो इस दौरान आपके पिता के साथ आपके संबंध और बेहतर बनेंगे. यदि किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो ऐसे जातकों को इस अवधि के दौरान शुभ फल प्राप्त होंगे. मकर राशि के कुछ जातकों का झुकाव इस समय धार्मिक कार्यों की तरफ ज्यादा रहेगा. इसके अलावा विदेश यात्रा भी कर सकते हैं.
कुम्भ राशि (गु, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
वक्री बुध के गोचर से कुंभ राशि के जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है. राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है और आपके भाग्य, धर्म आदि के नौवें भाव में यह वक्री गति करेगा. इस दौरान संतान प्रगति के पथ पर अग्रसर होंगी, इसलिए आपको भी संतुष्टि महसूस होगी. गलतफहमियों के चलते दोस्तों से झड़प होने की संभावना है, परेशानी का समय रहते ही बातचीत के माध्यम से हल निकालने की कोशिश करें, सावधानी से आगे बढ़ें. वहीं इस राशि के विद्यार्थी जातकों के लिए भी समय अनुकूल रहने वाला है. स्वास्थ्य इस समय आपको थोड़ा परेशान कर सकता है. पारिवारिक जीवन की बात करें तो इस दौरान आपके रिश्ते और दोस्ती में गलतफहमियां आने की आशंका है. साथ ही पेशेवर जातकों को करियर के लिहाज से भी आपको इस दौरान बेहतर अवसर प्राप्त होंगे.
मीन राशि (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें घर का स्वामी है और यह आपके अष्टम भाव में वक्री गति करेगा. अष्टम भाव में बुध के वक्री के दौरान आपको कुछ अशुभ परिणाम मिलने की आशंका है. इस दौरान व्यवसायी जातकों का अपने साझेदारों से मतभेद की आशंका है. मां का स्वास्थ्य खराब हो सकता है. इस दौरान विवाहित जातकों के जीवन में भी कुछ उथल -पुथल नजर आ रही है. इस गोचर काल के दौरान आपको अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर कुछ ज्यादा खर्च होने की संभावना है. ऐसे में आर्थिक पक्ष का भी विशेष ध्यान रखें. हालांकि, इस दौरान आप का ससुराल पक्ष के लोगों के साथ संबंध मजबूत होगा.
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