उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को आज (27 नवंबर) को 16 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उनका रेस्क्यू नहीं किया जा सका है. केंद्र और राज्य सरकार की तमाम एजेंसियां इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए विदेशी एक्सपर्ट की मदद भी ली रही है, बावजूद इसके टीम के हाथ कोई बड़ी सफलता नहीं लगी है. वहीं, सबसे बड़ी चिंता मजदूरों की मानसिक स्थिति को लेकर हो रही है. इसलिए अंदर फंसे मजदूरों की मानसिक स्थिति जानने के लिए रोबोटिक सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है.
लखनऊ से उत्तरकाशी पहुंचे रोबोटिक्स एक्सपर्ट मिलिंद राज ने रेस्क्यू रोबिटक सिस्टम की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उन्हें टनल में अंदर फंसे 41 मजदूरों की मानसिक स्थिति जानने के लिए यहां बुलाया गया है. वो एक घरेलू स्वदेशी तकनीक (homegrown indigenous technology) से चौबीस घंटे श्रमिकों के स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं. मजदूरों की इंटरनेट सेवा भी प्रदान की जाएगी. इसके अलावा बचाव रोबोटिक प्रणाली (rescue robotic system) टनल के अंदर मीथेन जैसी खतरनाक गैसों का पता लगाने में मदद करेगी.
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