नई दिल्ली: भारत सरकार चुराई गई प्राचीन वस्तुओं को विदेशों से फिर से प्राप्त करने के प्रयास कर रही है. इस बीच आंकड़ों से पता चला है कि पूरे भारत से 486 प्राचीन वस्तुएं चोरी हुईं, जिनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शीर्ष तीन प्रभावित राज्य हैं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश से 125 प्राचीन वस्तुएं चोरी हुई हैं, इसके बाद राजस्थान में 93 और उत्तर प्रदेश में 86 प्राचीन वस्तुएं चोरी हुई हैं. हालांकि, सरकार अब तक मध्य प्रदेश की 29, राजस्थान की 23 और उत्तर प्रदेश की 11 चोरी हुई प्राचीन वस्तुओं को पुनः प्राप्त करने में सफल रही है. रिकॉर्ड्स में कहा गया है कि 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 486 प्राचीन वस्तुएं चोरी हो गई हैं, जिनमें से 91 बरामद भी कर ली गई हैं.
जिन राज्यों से भारतीय पुरातत्व स्थलों (एएसआई) के संरक्षित स्मारकों और स्थलों से प्राचीन वस्तुएं चोरी हुई हैं उनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना,उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और जम्मू और कश्मीर शामिल हैं.पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय के लिए चिंता की बात यह है कि ज्यादातर मामलों में राज्य सरकारें, निजी एजेंसियां प्राचीन वस्तुओं की चोरी की जानकारी एएसआई को साझा नहीं करती हैं.
विडंबना यह है कि एएसआई के तहत संग्रहालयों से पुरावशेषों की चोरी का पता लगाने के लिए कोई समर्पित निगरानी सेल नहीं है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के हवाले से एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि किसी भी प्रकार की चोरी या संबंधित घटनाओं को रोकने के लिए एएसआई के नियमित निगरानी और वार्ड कर्मचारियों के अलावा, निजी सुरक्षा गार्ड, राज्य पुलिस सशस्त्र गार्ड और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को आवश्यकता के अनुसार तैनात किया गया है.
उन्होंने कहा कि 'यदि केंद्रीय संरक्षित स्मारकों, स्थलों या संग्रहालयों में पुरावशेषों की कोई चोरी होती है, तो संबंधित पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की जाती है और सभी कस्टम निकास चैनलों सहित सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को 'लुक आउट नोटिस' जारी किया जाता है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), पुलिस आदि को चोरी की गई प्राचीन वस्तुओं का पता लगाने और अवैध निर्यात की ऐसी किसी भी अनचाही घटना को रोकने के लिए निगरानी रखने के लिए कहा गया है.'
तीन लुक आउट नोटिस जारी :2018 से अब तक एएसआई द्वारा तीन लुक आउट नोटिस जारी किए गए हैं. एएसआई के तहत 3695 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों (सीपीएम) और स्थलों में से केवल 83 सीपीएम को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं. जो पुरावशेष भारत से चुराए गए हैं और उनके पास पर्याप्त दस्तावेजी सबूत हैं, उन्हें वापस लेने का दावा किया जा रहा है और यह एक सतत प्रक्रिया है.