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आज है ज्येष्ठ महीने की मासिक शिवरात्रि, व्रत रखने से दूर होंगे कष्ट - masik shivratri puja vidhi

masik shivratri may 2022 : शनिवार को ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि की तिथि पड़ रही है. शनिवार की तिथि होने के कारण यह माना जा रहा है कि जो जातक शनि की वक्री चाल से पीड़ित हैं, वह भगवान भोलेनाथ की पूजा कर इससे मुक्ति पा सकते हैं. हालांकि शनि दोष शांत करने के लिए शनिदेव की पूजा भी जरूरी है.

masik shivratri may 2022
masik shivratri may 2022

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Published : May 28, 2022, 5:54 PM IST

नई दिल्ली : हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. 28 मई को 1:11 मिनट से ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्दशी प्रारम्भ हुई है, जो 29 मई को दोपहर 02:54 बजे खत्म होगी. मासिक शिवरात्रि पर विधि- विधान से भगवान शिव और माता गौरी की पूजा- अर्चना की जाती है. शिवरात्रि का व्रत रखने वालों को लिए पूजा का उत्तम समय 29 मई को 12:39 दोपहर तक का बताया गया है. मासिक शिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि की मध्यरात्रि में भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे.भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने शिव लिंग का सबसे पहले पूजन किया था.

मासिक शिवरात्रि का महत्व ऐसा माना है कि मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है. वह केवल पूजा-अर्चना से ही खुश हो जाते हैं. शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है. जो भी है उपवास करता है उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटें को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है. प्राचीन काल में माता लक्ष्मी रुकमणी जैसी देवियों ने भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए यह व्रत किए थे.

मासिक शिवरात्रि के व्रत की विधि :इस मासिक शिवरात्रि पर पंडित हरिशंकर शर्मा ने बताया कि सुबह उठकर स्नान करें और सफेद या लाल वस्त्र धारण करें. घर में बने मंदिर के साफ करने के बाद गंगाजल से पवित्र कर लें. भोलेनाथ की मूर्ति के सामने देसी घी का दीपक जलाएं. समस्त परिवार समेत भोलेनाथ की प्रतिमा मंदिर में स्थापित करें और उनकी पूजा-अर्चना करें. उसके बाद पंचामृत का भोग लगाएं और ओम नमः शिवाय का जाप करें. संपूर्ण दिन निराहार रहकर भोलेनाथ का गुणगान करें और शाम को फल खाकर कर इस व्रत को खोलें.

जो लोग स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं. वह भगवान शिव का ऊं नम: शिवाय मंत्र से अभिषेक करें. संभव हो तो एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

नोट - यह आलेख मान्यताओं पर आधारित है. ईटीवी भारत की सलाह है कि किसी विशेषज्ञ से राय जरूर लें.

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