बेंगलुरु :कर्नाटक के चिकबलपुर के एक गांव में पत्थर की एक खदान में जिलेटिन की छड़ों को हटाते समय मंगलवार तड़के हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई.सरकार ने विस्फोट की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं.
पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में संकेत मिला है कि खदान में पेट्रोलियम जेल और अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया है. यह खदान अवैध रूप से चल रही थी और कुछ दिन पहले छापेमारी के बाद इसे बंद कर दिया गया था.
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के गृह नगर शिवमोगा में 22 जनवरी को भी एक ऐसे ही हादसे में छह लोगों की ही मौत हो गई थी. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री एवं चिकबलपुर से विधायक के. सुधाकर ने घटनास्थल दौरा किया और कहा कि शव बुरी तरह से विकृत हो गए हैं और यहां वहां पड़े हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यकत की. उन्होंने कहा, 'कर्नाटक के चिकबलपुर में हादसे की वजह से हुई जान हानि से दुखी हूं. मैं मृतकों के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.'
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं और अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया है.
उन्होंने कहा, 'घटना की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अवैध गतिविधियों में जो भी शामिल होगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे. '
कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद सीआईडी जांच के आदेश दिए. पुलिस के अनुसार, घटना पेरसेंड्रा के पास हिरणागवल्ली में हुई.
स्थानीय लोगों द्वारा जिलेटिन की छड़ों के अधिक इस्तेमाल की शिकायत किए जाने के बाद पुलिस ने सात फरवरी को यहां उत्खनन रोक दिया था, लेकिन यहां अवैध रूप से काम जारी था. कुछ दिन पहले यहां छापा भी मारा गया था और ठेकेदार को जिलेटिन का इस्तेमाल ना करने को लेकर चेतावनी दी गई थी.
उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह यह हादसा उस समय हुआ, जब ये लोग जिलेटिन की छड़ें हटाने की कोशिश कर रहे थे.
घटना में घायल हुए एक वाहन के चालक ने पुलिस से कहा, 'उन्होंने (मारे गए लोगों ने) एक थैला पकड़ रखा था और उन्होंने मुझसे उन्हें वाहन से जंगल तक ले जाने को कहा था. वे एक सुनसान जगह पर गए और फिर अचानक एक विस्फोट हुआ.'
चालक के पैरों और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं. बोम्मई के दफ्तर से जारी बयान के मुताबिक, श्री शिरदी साई एजेंसी छह एकड़ में फैली खदान की मालिक है.