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'चुनाव का समय आते ही फोन उठाना बंद कर देता हूं', क्या मनोज बाजपेयी को परेशान करती हैं राजनीतिक पार्टियां?

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 6, 2023, 6:08 AM IST

Manoj Bajpayee Promote Movie Joram: पटना में फिल्म का प्रमोशन करने के लिए पहुंचे बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी ने राजनीति में आने को लेकर बड़ा खुलासा किया. मनोज बताते हैं कि चुनाव के समय वे फोन उठाना बंद कर देते हैं. इसके पीछे उन्होंने बड़ा कारण बताया. पढ़ें पूरी खबर.

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पटना में फिल्म के प्रमोशन के लिए पहुंचे मनोज बाजपेयी

पटनाःबिहार के बेतिया निवासी और बॉलीवुड इंडस्ट्री के सुपर स्टार मनोज बाजपेयी पटना पहुंचे. मनोज बाजपेयी की फिल्म जोरम जल्द ही रिलीज हो रही है. इसी का प्रमोशन करने के लिए बिहार पहुंचे थे. मनोज बाजपेयी फिल्म इंडस्ट्री में 25 साल पूरा कर चुके हैं और काफी फेमस भी हैं. जब मीडिया ने मनोज बाजपेयी से पूछा कि क्या बेतिया से चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने गबज का जबाव दिया, जिसके बारे में किसी को अंदाजा नहीं था.

मनोज बाजपेयी का राजनीतिक प्लानः मनोज कहते हैं कि वे चुनाव के समय फोन उठाना बंद कर देते हैं. इसके पीछने उन्होंने जो कारण बताया वह वाकय में हैरान करने वाला है. बताते हैं कि 25 साल की कैरियर में कई विधानसभा और लोकसभा चुनाव आए, लेकिन वे कभी भी इस इंडस्ट्री को छोड़कर राजनीति में जाने के बारे में नहीं सोचा. कहा कि वे चुनाव के समय फोन नहीं उठाते हैं, क्योंकि उस समय कई राजनीतिक पार्टियां का फोन आने लगता है.

"25 साल हो गए इस फिल्ड में आए हुए. इस दौरान कई विधानसभा और लोकसभा के चुनाव हुए. जब-जब चुनाव आते हैं मैं फोन उठाना बंद कर देता हूं, क्योंकि हर पार्टी से कुछ न कुछ निवेदन आते रहते हैं. मैं हर बार आपलोगों के माध्यम से स्पष्ट कर चुका हूं कि मेरे अंदर में राजनीतक का 'र' भी नहीं आता है. इसलिए उस दुनिया में जाना नहीं चाहता. गांव घर छोड़कर संघर्ष किया कि अपने कला को समझूं और काम करूं. अब जब लगता है कि मैंने अच्छा चुनाव किया है तो इस चुनाव को छोड़कर उस चुनाव में जाना मुझसे बड़ा बेवकुफ कोई नहीं होगा."-मनोज बाजपेयी, बॉलीवुड अभिनेता

पटना में फिल्म के प्रमोशन के लिए पहुंचे मनोज बाजपेयी

8 दिसंबर को होगा रिलीजः पटना में मनोज बाजपेयी अपनी अपकमिंग फिल्म जोरम का प्रमोशन करने के लिए पहुंचे थे. यह फिल्म 8 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग झारखंड में हुई है. इस फिल्म में एक सिस्टम से लड़ाई है, जो आज भी लोग लड़ रहे हैं. पूरी फिल्म एक आदिवासी समुदाय पर बेस्ड है.

एक गरीब परिवार पर बनी है फिल्मः मनोज फिल्म की कहानी के बारे में बताते हैं कि फिल्म का किरदार 'दसरू' मुंबई शहर में अपनी पत्नी और छोटी बच्ची के साथ रहता है. किसी तरह मजदूरी के सहारे उसका जीवन चलता है. एक रोज काम से घर लौटता है और पाता है कि किसी ने उसकी पत्नी की हत्या कर दी है. इससे पहले दसरू कुछ समझ पाता कि अचानक ही उस पर हमला हो जाता है. यह फिल्म काफी दर्दनाक घटना पर बनाई गई है.

पटना में फिल्म के प्रमोशन के लिए पहुंचे मनोज बाजपेयी

'बिहार में फिल्म पॉलिसी लाए सरकार': मनोज बाजेपीय से सवाल किया गया की आप बिहार के हैं तो बिहार में फिल्म की शूटिंग नहीं हुई? इसपर उन्होंने कहा कि बिहार में फिल्म निर्माण को लेकर बिहार सरकार की फिल्म नीति ही नहीं है. फिल्म नीति बनेगी तो निश्चित तौर पर स्टूडियो बन जाएगा. पहले बिहार सरकार फिल्म पॉलिसी बनाए. फिल्म निर्माण से बिहार में रोजगार भी बढ़ेगा. लखनऊ में सरकार ने फिल्म पॉलिसी लागू की तो शूटिंग हो रही है.

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