कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सीएपीएफ के प्रश्न भाजपा पार्टी कार्यालय में तैयार किए गए और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की निष्पक्षता को कम आंका गया. बीजेपी ने यूपीएससी के खिलाफ बनर्जी के आरोपों पर पलटवार किया. कहा कि तथ्यों पर आधारित सवाल पूछने में कुछ भी गलत नहीं है.
बनर्जी ने कहा कि मैं यह देखकर चौंक गई कि यूपीएससी द्वारा आयोजित एक परीक्षा में राजनीति से प्रेरित प्रश्न पूछे गए थे. मैं यूपीएससी और हमारे केंद्रीय बलों का सम्मान करती हूं. यह दर्शाता है कि भाजपा ने अपने राजनीतिक हितों की सेवा के लिए केंद्रीय बलों का राजनीतिकरण कैसे किया है.
हमने देखा है कि कैसे पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान कूचबिहार के सीतलकुची में बूथों पर कब्जा करने और लोगों को मारने के लिए सीएपीएफ का इस्तेमाल किया गया था. अप्रैल में राज्य में चौथे चरण के विधानसभा चुनाव के दौरान कूचबिहार के सीतलकुची में एक मतदान केंद्र पर सीएपीएफ द्वारा गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे. यह (प्रश्न) बहुत अधिक है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
वे (केंद्र) इस घटना के माध्यम से क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं? कि यदि आप केंद्रीय बलों में काम करना चाहते हैं, तो आपको भाजपा का हां बनना होगा और विश्वास करें कि वे जो भी अफवाह फैला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यूपीएससी बीजेपी के निर्देशन में सवाल खड़ा कर रही है. यूपीएससी एक निष्पक्ष निकाय हुआ करती थी, लेकिन अब इसके प्रश्न पत्र भाजपा के पार्टी कार्यालय में तैयार किए जा रहे हैं. यहां तक कि किसानों के विरोध पर यूपीएससी के पेपर में भी सवाल राजनीति से प्रेरित था.