दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सीएपीएफ परीक्षा के सवालों पर टीएमसी-बीजेपी के बीच जुबानी जंग

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएपीएफ (Central armed police force) की भर्ती परीक्षा में कथित तौर पर राजनीति से प्रेरित सवालों को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. कहा कि इससे साबित होता है कि भाजपा ने केंद्रीय बलों का राजनीतिकरण किया है.

mamata
mamata

By

Published : Aug 12, 2021, 10:35 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सीएपीएफ के प्रश्न भाजपा पार्टी कार्यालय में तैयार किए गए और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की निष्पक्षता को कम आंका गया. बीजेपी ने यूपीएससी के खिलाफ बनर्जी के आरोपों पर पलटवार किया. कहा कि तथ्यों पर आधारित सवाल पूछने में कुछ भी गलत नहीं है.

बनर्जी ने कहा कि मैं यह देखकर चौंक गई कि यूपीएससी द्वारा आयोजित एक परीक्षा में राजनीति से प्रेरित प्रश्न पूछे गए थे. मैं यूपीएससी और हमारे केंद्रीय बलों का सम्मान करती हूं. यह दर्शाता है कि भाजपा ने अपने राजनीतिक हितों की सेवा के लिए केंद्रीय बलों का राजनीतिकरण कैसे किया है.

हमने देखा है कि कैसे पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान कूचबिहार के सीतलकुची में बूथों पर कब्जा करने और लोगों को मारने के लिए सीएपीएफ का इस्तेमाल किया गया था. अप्रैल में राज्य में चौथे चरण के विधानसभा चुनाव के दौरान कूचबिहार के सीतलकुची में एक मतदान केंद्र पर सीएपीएफ द्वारा गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे. यह (प्रश्न) बहुत अधिक है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है.

वे (केंद्र) इस घटना के माध्यम से क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं? कि यदि आप केंद्रीय बलों में काम करना चाहते हैं, तो आपको भाजपा का हां बनना होगा और विश्वास करें कि वे जो भी अफवाह फैला रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यूपीएससी बीजेपी के निर्देशन में सवाल खड़ा कर रही है. यूपीएससी एक निष्पक्ष निकाय हुआ करती थी, लेकिन अब इसके प्रश्न पत्र भाजपा के पार्टी कार्यालय में तैयार किए जा रहे हैं. यहां तक ​​कि किसानों के विरोध पर यूपीएससी के पेपर में भी सवाल राजनीति से प्रेरित था.

बनर्जी की टिप्पणी कथित मीडिया रिपोर्टों के बीच आई है कि हाल ही में आयोजित सीएपीएफ परीक्षा के दौरान पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा और किसानों का विरोध राजनीति से प्रेरित पर सवाल पूछे गए थे. हालांकि पीटीआई स्वतंत्र रूप से इन रिपोर्टों की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका.

टीएमसी बॉस ने देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और संविधान को नष्ट करने के लिए भाजपा की खिंचाई की. पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा पर हाल ही में NHRC की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि राज्य में स्थिति कानून के शासन के बजाय शासक के कानून की अभिव्यक्ति थी, बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने अधिकारों का राजनीतिकरण भी किया है. उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) आधारहीन और पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट दे रहे हैं.

यूपीएससी के खिलाफ बनर्जी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पूरे देश को राज्य में चुनाव के बाद हुए नरसंहार से अवगत कराया जाना चाहिए. तथ्यों पर आधारित सवाल पूछने में कुछ भी गलत नहीं है.

यह भी पढ़ें-त्रिपुरा में टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार का दिल्ली में असर होगा : ममता

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अगर टीएमसी सिंगूर और नंदीग्राम में अपने राजनीतिक आंदोलनों को पाठ्यपुस्तकों में शामिल कर सकती है तो पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर सवाल क्यों नहीं पूछे जा सकते?

ABOUT THE AUTHOR

...view details