नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भाजपा को छोड़कर सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं को पत्र लिखा है. पत्र में ममता ने भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक संघवाद पर भाजपा और उसकी सरकार द्वारा हमलों को रेखांकित किया है और लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी पार्टियों से एकजुट होने की अपील की है.
पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के चुनाव से पहले बनर्जी का पत्र बुधवार को तृणमूल कांग्रेस ने जारी किया. बनर्जी ने पत्र में कहा है, 'मैं भारत में लोकतंत्र और संवैधानिक संघवाद पर भाजपा और केंद्र में उसकी सरकार द्वारा कई हमलों को लेकर अपनी गंभीर चिंताओं से अवगत कराने के लिए आपको, और गैर-भाजपा दलों के कई नेताओं को पत्र लिख रही हूं.'
राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अत्यंत गंभीर विषय है.
केंद्र ने उपराज्यपाल को बनाया दिल्ली का अघोषित वायसराय
उन्होंने कहा, 'इस कानून के जरिए केंद्र की भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सभी शक्तियों को छीन लिया है और उपराज्यपाल को दिल्ली का अघोषित वायसराय बना दिया गया, जो गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के लिए एक प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) के रूप में काम कर रहे हैं.'
यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनावों के रण में कांग्रेस अध्यक्ष पद की लड़ाई भी लड़ रहा गांधी परिवार
ममता बनर्जी ने इस पत्र में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, शिवसेना प्रमुख व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, 'आप' संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बीजेडी अध्यक्ष व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित अन्य लोगों को संबोधित किया है.