मुंबई:महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट गहराता चला जा रहा है. शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट एक दूसरे पर जमकर हमला कर रहे हैं. इस बीच सियासी दांवपेंच भी जमकर आजमाए जा रहे हैं. इन सब के बीच खबर है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के मूड में आ गये हैं. बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई तेज हो गयी है.
बागी विधायकों को नोटिस:सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस भेजा है. अयोग्यता की सुनवाई के लिए विधायकों को सोमवार को मुंबई में मौजूद रहना है. वहीं, यह भी बताया जा रहा है कि बागियों से 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा गया है. इसके अलावा महाराष्ट्र विधान भवन सचिवालय ने वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने अर्जी पर नोटिस जारी किया है. बागियों से 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा गया है. वहीं, नोटिस मिलने के बाद बागी विधायकों में हलचल तेज हो गयी है. उधर, शिवसेना के युवा कार्यकारिणी की बैठक होगी.
संजय राउत बोले-लोग उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भरोसा रखेंगे:शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'लोग उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भरोसा रखेंगे. कल उद्धव जी ने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं वो शिवसेना नाम का इस्तेमाल ना करें और अपने बाप के नाम का इस्तेमाल करें और वोट मांगें.' संजय राउत कल से ही बागी विधायकों के प्रति कड़े रूख अपनाये हुए हैं. उन्होंने कल बागी विधायकों को चुनौती देते हुए कहा था कि सदन में आकर ताकत आजमाएं.
बागी नेता एकनाथ शिंदे ने बुलायी बैठक:महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के बीच गुवाहाटी में मौजूद एकनाथ शिंदे ने आज फिर बागी विधायकों की एक बैठक बुलाई है. शनिवार को भी बागी विधायकों की एक बैठक हुई थी. खबर है कि शिंदे बागी विधायकों के साथ आगे की रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे. बता दें कि शनिवार रात एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात हुई है.
असम में होटल की बुकिंग बढ़ाई:खबर है किकी एकनाथ शिंदे गुट ने होटल प्रबंधन से गुवाहाटी में अपनी बुकिंग दो और दिनों के लिए बढ़ाने को कहा है. पहले यह बुकिंग 28 जून तक थी. गौरतलब है कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार से बगावत कर शिवसेना के विधायक गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं.
महाराष्ट्र का सियासी संकट फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है. खबर है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बागी 16 विधायकों और 7 मंत्रियों की सदस्यता रद्द करने को लेकर चिट्ठी लिखी लिखेंगे. उद्धव सरकार के ये मंत्री फिलहाल शिंदे के साथ गुवाहाटी में मौजूद है. हलांकि, इससे पहले डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखकर 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग कर चुके है. इस बीच भाजपा भी सक्रिय हो गयी है. शनिवार को शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस से वडोदरा में मुलाकात की है. इससे पहले एकनाथ शिंदे गुट ने बालासाहेब ठाकरे के नाम पर नई पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं जिसके बाद तेवर दिखाते हुए उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग जाने की बात कही है.
गौरतलब है कि शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को विद्रोही समूह द्वारा पार्टी के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम पर अपने समूह का नाम रखने के कथित प्रयासों पर तीखा हमला बोला. शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार दोपहर यहां हुई बैठक की अध्यक्षता कर रहे उद्धव ठाकरे ने कहा, 'चुनाव जीतने के लिए मेरे पिता का नाम न लें, बल्कि अपने पिता के नाम का इस्तेमाल करें.' शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उद्धव ठाकरे को पार्टी प्रमुख के रूप में मंजूरी दी गई है. उद्धव ठाकरे को पार्टियों के संबंध में हर निर्णय लेने की शक्ति दी गई है.
शिवसेना की ठाणे जिला इकाई के अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा: शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले नरेश म्हास्के ने महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दल राकांपा के ‘रवैये’ के विरोध में शनिवार को शिवसेना की ठाणे जिला इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने हालांकि जोर देकर कहा कि वह हमेशा शिवसैनिक बने रहेंगे. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को संबोधित एक पत्र में, ठाणे के पूर्व महापौर ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कारण शिवसैनिक (राजनीतिक रूप से) घुटन महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं शिवसेना की ठाणे जिला इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं, लेकिन हमेशा के लिए शिवसैनिक बना रहूंगा. म्हास्के ने कहा कि शिवसैनिक आक्रामक हिंदुत्व में विश्वास करते हैं. म्हास्के शायद शिंदे के गृहनगर ठाणे से शिवसेना के पहले वरिष्ठ पदाधिकारी हैं, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है.
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मेरी लड़ाई शिवसेना को एमवीए के चंगुल से बाहर निकालने के लिए है: शिंदे-शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार देर शाम कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को समझना चाहिए कि वह पार्टी को महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के चंगुल से बाहर निकालने के लिए संघर्ष रहे हैं. शिंदे ने यह अपील पार्टी अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा उनके नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने, उनके बैनरों को हटाने, कुछ जगहों पर पथराव करने और पुणे में एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के बाद की है. शिंदे ने ट्वीट कर कहा, 'मेरे प्रिय शिवसेना के कार्यकर्ताओं, एमवीए की साजिश को समझने की कोशिश करें। मैं शिवसेना और शिवसेना कार्यकर्ताओं को एमवीए के चंगुल से बाहर निकालने के लिए लड़ रहा हूं.' उन्होंने कहा, ‘मैं इस लड़ाई को शिवसेना कार्यकर्ताओं के हित में समर्पित करता हूं.'