प्रयागराज: बाहुबली माफिया अतीक अहमद ने अपनी हत्या से पहले गाड़ी से उतरते समय किसको इशारा किया था. इसका पता पुलिस के बाद अब हत्याकांड की जांच करने वाला न्यायिक जांच आयोग भी लगाना चाह रहा है. लेकिन, वारदात के करीब चार महीने बाद भी इसका सटीक जवाब किसी को नहीं मिल सका है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 7 से 9 अगस्त तक न्यायिक जांच आयोग की टीम प्रयागराज में दोहरे हत्याकांड की पड़ताल कर रही थी. लेकिन, न्यायिक जांच आयोग भी अभी नहीं जान सका है कि मरने से चंद सेकेंड पहले बाहुबली अतीक अहमद ने किस परिचित को और क्यों इशारा किया था. फिलहाल, उस इशारे को किसी परिचित के सलामी के बदले किया गया इशारा माना जा रहा है. लेकिन, लाख टके का वही सवाल कायम है कि वो कौन था, जिसको बाहुबली ने अंतिम बार इशारा किया था.
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ हत्याकांड की जांच कर रहा पांच सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग 7 अगस्त को प्रयागराज पहुंचा था. प्रयागराज में 7 से 9 अगस्त तक आयोग की टीम अलग-अलग पहलुओं से पूरे मामले की जांच कर रही है. जब भी आयोग की टीम जांच-पड़ताल करने प्रयागराज आती है वो पुलिस वालों के अलावा मेडिकल कर्मी, मीडिया कर्मी और प्रत्यक्षदर्शियों तक से जरूरत के मुताबिक बुलाकर जानकारी हासिल करती है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि माफिया ने अपनी हत्या से चंद सेकेंड पहले आखिरी बार किसको इशारा किया था. पुलिस की टीमें चार महीने बाद भी उसका पता लगाने में जुटी हुई हैं.
हत्या से पहले माफिया अतीक ने किसको किया था इशारा
15 अप्रैल को प्रयागराज की पुलिस माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ को लेकर मेडिकल जांच के लिए शाहगंज थाना क्षेत्र के मोती लाल नेहरू कॉल्विन अस्पताल ले गई थी. अस्पताल के गेट पर पुलिस की जीप रुकी. पुलिस जीप गेट के बाहर रुकने के बाद सबसे पहले तीन पुलिस वाले जीप से उतरते हैं. उसके बाद अशरफ पुलिस जीप से नीचे उतरता है. इसके बाद धीरे-धीरे माफिया अतीक अहमद जीप से बाहर निकलता है.
अतीक अहमद ने जीप से सिर बाहर निकालते ही चारों तरफ निगाहें घुमाईं और वहां मौजूद लोगों को देखा. इसके बाद सामने की तरफ एक स्थान पर अतीक की निगाहें रुकती हैं और दूसरी तरफ मौजूद व्यक्ति को अतीक अहमद ने सिर हिलाकर इशारा किया था. उस व्यक्ति को इशारा करने के साथ ही अतीक अहमद पुलिस जीप से नीचे उतरा और अस्पताल के अंदर की तरफ दाखिल होने लगा. अस्पताल के गेट के अंदर घुसते ही अतीक से वहां मौजूद मीडिया के लोगों ने सवाल पूछना शुरू कर दिया. इसके बाद अतीक अहमद के कहा कि नहीं ले गए तो नहीं गए. इसके बाद अशरफ ने बोलना शुरू किया कि मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम और इसी शब्द के साथ अतीक अशरफ पर मीडिया वालों के भेष में आए हुए शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. उन्होंने माफिया बंधुओं को मौत के घाट उतार दिया.
जांच आयोग भी लगाना चाह रहा पता