मदुरै:मदुरै जंक्शन रेलवे स्टेशन से लगभग 1 किमी दूर एक यात्री ट्रेन में शनिवार सुबह आग लग गई (Madurai Train Fire Accident). आग एक बोगी से दूसरी बोगी में फैल गई. कई लोग जलती ट्रेन से कूदकर भाग निकले तो कुछ ट्रेन में ही फंस गए. मदुरै के प्रत्यक्षदर्शी मन्नान का कहना है कि पड़ोस के लोगों ने रेल यात्रियों को बचाने की कोशिश की, लेकिन आग के कारण वे कोच के करीब भी नहीं पहुंच सके.
मन्नान ने कहा कि जिस जगह ट्रेन में आग लगी, मैं उसके पास ही रहता हूं. ट्रेन में आग लगने पर महिलाओं की चीखें सुनाई दीं. इस कारण नींद गई और वह वहां पहुंच गया. लोग जलती हुई ट्रेन से कूद रहे थे. कुछ लोगों ने पास के एसएस कॉलोनी फायर स्टेशन को सूचित किया. अग्निशमन विभाग और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर हमने आग बुझाने के लिए संघर्ष किया.
उन्होंने कहा कि जलती आग के कारण हम ट्रेन के पास भी नहीं जा पा रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि आग की चपेट में ज्यादातर स्लीपर डिब्बों के अपर बर्थ पर लेटे हुए लोग आए. इस समय तक रेलवे विभाग, पुलिस और अग्निशमन विभाग सभी लोग आ चुके थे.
मन्नान ने दुर्घटना का कारण ज्वलनशील पदार्थ लाना बताते हुए कहा कि 90 फीसदी लोग उतर गए और 10 फीसदी ही फंसे रह गए. उत्तर प्रदेश के एक यात्री शिव प्रताप सिंह चौहान ने इस अग्निकांड में अपनी पत्नी और साले को खो दिया. वह सरकार से उनके रिश्तेदारों की पहचान करने में मदद करने का अनुरोध करते नजर आए. उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने जलती आग से 5 लोगों को बचाने के लिए संघर्ष किया, लेकिन अपनी पत्नी मिथिलेश कुमारी और साले शत्रुकन सिंह को नहीं बचा सके. उन्होंने यह भी कहा कि भारी धुएं के कारण वह बेहोश हो गए और सांस नहीं ले पाए.
इस बीच, दुर्घटना स्थल पर मदद कर रहे चेल्लादुरई ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने जीवित बचे लोगों से की गई बात के आधार पर कहा कि बेसिन टूर्स एंड ट्रैवल्स नामक कंपनी ने जिसने टूर आर्गेनाइज किया था, उसने गैस सिलेंडर की भी व्यवस्था की थी. ये लोग 16 किलोग्राम वजन वाले 2 सिलेंडर लाए थे. उन्होंने कहा कि जब ट्रेन में आग लगी तो कुछ लोगों ने दरवाजे बंद कर लिए थे और इस वजह से वे बाहर नहीं निकल पाए. चेल्लादुरई ने यह भी कहा कि कुछ लोग आपातकालीन खिड़की से निकलने में कामयाब रहे.
हादसे को लेकर रेलवे की ओर से जारी रिपोर्ट के आधार पर रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन सुबह 3.47 बजे मदुरै पहुंची और आग सुबह 5.15 बजे लगी. तुरंत अग्निशमन विभाग को सूचित किया गया और दमकल की गाड़ियां 5.45 बजे पहुंचीं. रेलवे ने बताया कि करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 7.15 बजे आग पूरी तरह से बुझ गई और आग किसी अन्य कोच तक नहीं फैली.
रिपोर्ट के मुताबिक, आग इसलिए लगी क्योंकि इस ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों ने अवैध रूप से रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया. आग का एहसास होने पर कई यात्री कूदकर भाग निकले. इस पर्यटक ट्रेन ने 17 अगस्त को लखनऊ से अपनी यात्रा शुरू की थी. विभिन्न स्थानों पर अपनी यात्रा पूरी करने के बाद, उनका कल कोल्लम-एग्मोर अनंतपुरी ट्रेन (टी.नं. 16824) से चेन्नई लौटने और वहां से लखनऊ लौटने का कार्यक्रम था.
रेलवे ने कहा कि कोई भी व्यक्ति आईआरसीटीसी वेबसाइट का उपयोग करके व्यक्तिगत यात्रा कोच बुक कर सकता है. लेकिन रेलवे ने कहा है कि कभी भी ज्वलनशील वस्तुएं नहीं ले जानी चाहिए.