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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: मतदाता हमारी कड़ी मेहनत से पूरी तरह से संतुष्ट - कांग्रेस पार्टी

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की ओर से पूरी तैयारी हो चुकी है. पार्टी को यकीन है कि मतदाता भारतीय जनता पार्टी को वोट न देकर इस बार कांग्रेस पार्टी पर भरोसा जताएंगे. कांग्रेस पार्टी के अधिकारियों का कहना है कि बूथ टीमों को अधिकतम मतदान सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा है. Madhya Pradesh Assembly Elections, congress party, Bharatiya Janata Party.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 16, 2023, 3:35 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को कहा कि वह मध्य प्रदेश में अपने चुनाव अभियान और कड़ी मेहनत से संतुष्ट है और बूथ टीमों को अधिकतम मतदान सुनिश्चित करके इसे अंजाम तक पहुंचाने का काम सौंपा है. 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा, जिसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.

मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव संजय कपूर ने इस चैनल को बताया कि हम अभियान के दौरान अपनी कड़ी मेहनत से संतुष्ट हैं. अब यह मतदाताओं पर निर्भर है कि लोकतंत्र में कौन सर्वोच्च है. हमने बूथ टीमों से उच्च मतदान सुनिश्चित करके अच्छे अभियान को उसके अंजाम तक ले जाने को कहा है. पार्टी वॉर रूम मतदान पर नजर रखेगा.

15 नवंबर को अभियान समाप्त होने के एक दिन बाद और 17 नवंबर को मतदान के दिन से पहले गुरुवार को पार्टी द्वारा एक सर्वेक्षण समीक्षा की गई. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के प्रति आश्वस्त हैं और दावा किया कि कांग्रेस पार्टी के अभियान ने मतदाताओं को आकर्षित किया है. कपूर ने कहा कि इस चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतदाता हमारा समर्थन कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि एक, क्योंकि वे भाजपा से तंग आ चुके थे और दूसरा, उन्हें हमारे चुनावी वादे पसंद आए. दरअसल, यह चुनाव जनता बनाम भाजपा जैसा था. प्रियंका गांधी की विभिन्न रैलियों में बड़ी संख्या में लोग खुद ब खुद आए. इसके अलावा, राज्य इकाई एकजुट थी और सीएम चेहरे के रूप में कमल नाथ के प्रक्षेपण से कांग्रेस को मदद मिली. इसके ख़िलाफ़ बीजेपी बंटी हुई थी.

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस ने संसाधन संपन्न भाजपा के खिलाफ सीमित संसाधनों के साथ अपना अभियान चलाया. कपूर ने कहा कि बीजेपी ने प्रचार में भारी संसाधन लगाए, जबकि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मतदाताओं को लुभाने आए. हमारे मामले में, हमारे पास सीमित संसाधन थे, लेकिन सात जन आक्रोश यात्राओं के साथ कार्यकर्ताओं को जुटाने में कामयाब रहे, जिसने भाजपा के कुशासन को उजागर किया.

उन्होंने कहा कि 'हम बागियों को काफी हद तक मनाने में भी सफल रहे जबकि बीजेपी में अंदरूनी कलह सार्वजनिक तौर पर दिखी.' एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, राज्य सरकार में भ्रष्टाचार पर पार्टी का ध्यान और युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए वादे मतदाताओं को पसंद आए, जो देख सकते थे कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे अन्य पार्टी शासित राज्यों में भी इसी तरह के वादे लागू किए गए थे.

कपूर ने कहा कि आदिवासी कांग्रेस का एक अन्य प्रमुख फोकस क्षेत्र थे. आदिवासी लगभग 100 सीटों पर प्रभाव रखते हैं और भाजपा शासन के दौरान उन्हें नुकसान उठाना पड़ा था. वे इस चुनाव में फर्क लाएंगे. कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि सबसे पुरानी पार्टी ने मतदाताओं को लगातार याद दिलाया कि कैसे 2020 में भाजपा ने भ्रष्टाचार के जरिए उसकी सरकार को गिरा दिया था, जिसने तब से कुछ नहीं किया.

कपूर ने कहा कि इस आरोप ने उन मतदाताओं को प्रभावित किया जो हमारी बात समझने में सक्षम थे. हमारी पार्टी के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा राज्य इकाई के प्रमुख कमल नाथ, अनुभवी दिग्विजय सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में चलाए गए अभियान से भी फर्क पड़ा. हमारा आलाकमान भाजपा के खोखले दावों की तुलना में अपने वादों को पूरा करने के हमारे रिकॉर्ड पर उंगली उठाता रहा.

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