नई दिल्ली:दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को मॉडल टाउन से आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ रिश्वत मांगने के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी. साथ ही सतर्कता विभाग के अनुरोध को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के पास भेज दिया. AAP विधायक पर एमसीडी चुनाव के दौरान एक महिला उम्मीदवार को AAP का टिकट दिलाने के बदले 90 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है.
यह है मामला:पिछले साल के एमसीडी चुनाव में कमला नगर वार्ड नंबर 69 सीट से पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए आप का टिकट दिलाने के एवज में रिश्वत मांगने का महिला के पति ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद एंटी करफ्शन ब्रांच (एसीबी) ने मामला दर्ज कर लिया था. जांच में सतर्कता विभाग के अधिकारियों को जो तथ्य व सबूत मिले हैं, वह बताते हैं कि इस मामले में विधायक और अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता है. एसीबी ने आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ एक केस तैयार किया है, जिसमें रंगेहाथों पैसे की जब्ती और अन्य आरोपियों के दिए गए बयान शामिल है.
जांच एजेंसी के पास, 12 नवंबर 2022 की रात करीब 1.30 बजे का वजीरपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक राजेश गुप्ता के घर का सीसीटीवी फुटेज भी है. इसमें फरियादी को वहां से जाते हुए देखा गया है. सीसीटीवी फुटेज में मॉडल टाउन से विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के वजीरपुर विधायक के आवास पर पहुंचने और कुछ देर रुकने के भी संकेत मिले हैं. अखिलेश पति त्रिपाठी के बहनोई ओम सिंह, शिव शंकर पांडे उर्फ विशाल पांडे (त्रिपाठी के पीए) और प्रिंस रघुवंशी सहित तीन लोगों को गत वर्ष 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था.
ऐसे पकड़ में आया था विधायक का पीए:विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के पीए शिवशंकर पांडे को शिकायतकर्ता के आवास से गिरफ्तार किया गया था, जहां यह शिकायतकर्ता की पत्नी को पार्टी का टिकट नहीं दिए जाने के बाद रिश्वत की रकम वापस करने गया था. पांडे के पास दिल्ली विधानसभा द्वारा जारी किया गया एक पहचान पत्र भी मिला था. वहीं त्रिपाठी के बहनोई के पास उनका आधार कार्ड था, जिस पर विधायक कार्यालय का पता था. इस आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया और इनकी गिरफ्तारी की गई थी.