सैन्य सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार. करौली/सीकर.सिक्किम में 3 अक्टूबर की रात को बादल फटने से आए बाढ़ में राजस्थान के करौली और सीकर जिले के दो जवान शहीद हो गए थे. दोनों सैनिकों का पार्थिव देह रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा. यहां उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
बांग्लादेश की सीमा के पास मिला शव : करौली जिले के सैनिक शिवकेश गुर्जर सेना की 420 आर्मी मेडिकल कोर एएमसी लखनऊ में वर्ष 2018 में भर्ती हुए थे. शहीद के चचेरे भाई रमेश चंद गुर्जर ने बताया कि मंगलवार रात को उनकी परिजनों से बात हुई थी. 3 अक्टूबर की रात को बादल फटने से अचानक आए बाढ़ में सेना की गाड़ी में बैठे शिवकेश समेत अन्य जवान बह गए थे. सैनिक अधिकारी आलोक शाह ने कहा कि हादसा सिक्किम में हुआ था. सैनिक का पार्थिव देह भारत बांग्लादेश के बॉर्डर पर मिला. पार्थिव देह नदी से बहता हुआ नीचे आ गया था, जो कि बांग्लादेश बॉर्डर पर मिला.
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3 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि : रविवार को पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो पूरा गांव शोक में डूब गया. शहीद की अंतिम यात्रा से पहले युवाओं ने एक किलोमीटर तक बाइक रैली निकाली. इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. गंगापुर सिटी जिला कलेक्टर अंजली राजोरिया, पुलिस अधीक्षक राजेश यादव, टोडाभीम डीएसपी अमरसिंह मीना सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी. सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद तीन वर्ष के बेटे रुद्र ने शहीद को मुखाग्नि दी. शहीद शिवकेश का एक छोटा भाई है, जो सेना में जाने की तैयारी कर रहा है. शहीद के पिता हवलदार लेखराज पूर्व सैनिक हैं. शहीद की तीन बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है.
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सीकर के सपूत सज्जन सिंह का अंतिम संस्कारःसिक्किम में आई बाढ़ के दौरान सेना का कैंप ढहने से शहीद हुए सीकर के पलसाना इलाके के माजीपुरा निवासी हवलदार सज्जन सिंह खीचड़ का पार्थिव देह रविवार को उनके पैतृक गांव मांजीपुरा पहुंचा. पूरे राजकीय सम्मान से शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. शहिद का पार्थिव शरीर सुबह जयपुर से रवाना होकर मंढा मोड़ पहुंचा, जहां से तिरंगा यात्रा रवाना हुई जो भारत माता के जयकारों के साथ शहीद के गांव तक पहुंची. बड़ी संख्या में युवा बाइक पर सवार होकर शहीद के जयकारे लगा रहे थे. घर पर अंतिम दर्शन के बाद गांव के शमशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया, जहां उनके बेटे ने मुखाग्नि दी.
22 जवान समेत 103 हुए थे लापता : खीचड़ 18 महार रेजीमेंट में तैनात थे. जानकारी के अनुसार हवलदार सज्जन सिंह खीचड़ अपनी यूनिट के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रवार बारडांग में तैनात थे. गत 4 अक्टूबर को सीवी ग्राउंड पर अचानक आई बाढ़ में भी अपने सैनिकों को निकालने में जुटे थे, इसी दौरान वो पानी के बहाव में लापता हो गए थे. बता दें कि सिक्किम में 3 अक्टूबर की रात बादल फटने से तीस्ता नदी में आई बाढ़ की वजह से सेना के 22 जवानों समेत 103 लोग लापता हो गए थे.