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धनबाद में एमपीएल जाने वाली रेल लाइन के नीचे भूधंसान, पास से ही गुजरती है गया हावड़ा ग्रैंड कार्ड रेल लाइन

धनबाद के निरसा इलाके में एमपीएल से कोयला ढुलाई वाली रेल लाइन के नीचे की जमीन मंगलवार अहले सुबह धंस गई. धनबाद में भू धंसान से रेलवे लाइन के 50 मीटर के दायरे में जमीन में दरार आ गई है. इसी रेल ट्रैक के पास से गया हावड़ा ग्रैंड कार्ड रेल लाइन गुजरती है. Landslide under railway line से लोगों को अनहोनी का डर सता रहा है.

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धनबाद में एमपीएल जाने वाली रेल लाइन के नीचे भूधंसान

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Published : Aug 23, 2022, 11:29 AM IST

Updated : Aug 23, 2022, 1:11 PM IST

धनबाद: जिले के निरसा इलाके में मंगलवार को एमपीएल से कोयला ढुलाई वाली रेल लाइन के नीचे जमीन धंस गई है. रेलवे लाइन के 20 फीट दायरे में ट्रैक के नीचे मिट्टी नहीं है, जबकि करीब 50 मीटर के दायरे में जमीन पर दरारें आ गईं हैं. इससे यहां भी मिट्टी खिसकने का खतरा है. Gaya Howrah Grand Card Rail Line भी पास से ही गुजरीत है. इसके चलते लोगों को अनहोनी की आशंका सता रही है.

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बता दें कि निरसा इलाके में कुछ दिनों से लगातार भू-धंसान की घटना हो रही है.इधर एमपीएल से कोयला ढुलाई के लिए बनाई गई रेलवे लाइन के लगभग 20 फीट के दायरे में रेलवे ट्रैक के नीचे की जमीन धंस गई है. साथ ही लगभग 50 मीटर के दायरे में जमीन में दरारें पड़ गईं है. घटनास्थल से गया हावड़ा ग्रैंड कार्ड रेल लाइन की दूरी मात्र 38 मीटर की है. घटनास्थल के पास ही श्यामपुर बस्ती है. इसके चलते यहां भू-धंसान से लोग डरे हुए हैं.

धनबाद में एमपीएल जाने वाली रेल लाइन के नीचे भूधंसान
पहले भी हुईं हैं घटनाएंः गौरतलब है कि बीते 16 अगस्त को श्यामपुर बस्ती से थापरनगर रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग पर लगभग डेढ़ सौ फीट के दायरे में दरारें पड़ गईं थीं. वहीं, मुख्य मार्ग लगभग 3 फीट नीचे धंस गया था. इसके अलावा 27 अगस्त 2021 को एमपीएल की रेलवे लाइन एवं आसपास के लगभग 100 फीट के दायरे में जमीन धंस गई थी. लगातार हो रहे भू-धंसान की घटना से आसपास के ग्रामीणों में दहशत है.

ऐसे लगा पताः मंगलवार अहले सुबह अचानक तेज आवाज आई. लोग करीब पहुंचे तो देखा कि थापरनगर रेलवे स्टेशन से एमपीएल जाने के लिए बनाए गए रेलवे ट्रैक के नीचे की लगभग 20 फीट के दायरे में जमीन धंस गई. साथ ही लगभग 50 फीट के दायरे में जमीन में दरारें पड़ गई है. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि जब-जब भू-धंसान होता है ईसीएल प्रबंधन ऊपर ऊपर भराई कराकर अपना पिंड छुड़ा लेता है. अगर सही ढंग से इसकी भराई नहीं कराई गई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.


इसलिए हो रहा भू धंसानः ग्रामीणों का आरोप है कि भूधंसान वाले स्थान पर प्राइवेट कंपनियों ने कोयले का उत्खनन कराया था. बाद में कोलियरी के सरकारीकरण के बाद भी ईसीएल प्रबंधन ने भी कुछ दिनों तक कोलियरी का संचालन किया. इसके बाद कोयला चोरों ने कोयले का खनन किया, जिसके कारण नीचे की जमीन खोखली हो गई. इससे आए दिन इस स्थान पर भूधंसान की घटनाएं होती रहती हैं.

Last Updated : Aug 23, 2022, 1:11 PM IST

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