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लखीमपुर हिंसा की आंच : महाराष्ट्र बंद आज, एमवीए सरकार ने लोगों से मांगा समर्थन

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई थी. इसके विरोध में देश के कई भागों में विरोध हो चुके हैं. ताजा घटनाक्रम में महाराष्ट्र बंद आहूत किया गया है. प्रदेश में सत्तारूढ़ एमवीए (महा विकास आघाड़ी) ने महाराष्ट्र के लोगों से आज बंद का समर्थन करने की अपील की है. किसान सभा ने इस बंद को समर्थन दिया है. संगठन ने कहा है कि 21 जिलों में इसके कार्यकर्ता समान विचार वाले संगठनों के साथ बंद को सफल बनाने के लिये समन्वय स्थापित कर रहे हैं.

लखीमपुर हिंसा महाराष्ट्र बंद
लखीमपुर हिंसा महाराष्ट्र बंद

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Published : Oct 10, 2021, 10:49 PM IST

Updated : Oct 11, 2021, 6:11 AM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में सत्तारुढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के तीन घटकों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के खिलाफ आज प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया है. हिंसा के विरोध में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल दलों- शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से महाराष्ट्र बंद आहूत किया है. गौरतलब है कि पुलिस ने लखीमपुर खीरी घटना के संबंध में शनिवार रात केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था.

महाराष्ट्र बंद के संबंध में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को बताया, 'आज आधी रात से प्रदेश व्यापी बंद की शुरूआत हो जाएगी. उन्होंने कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता नागरिकों से मिल रहे हैं और उनसे बंद में शामिल होने तथा किसानों के साथ एकजुटता दिखाने का आग्रह कर रहे हैं.

मलिक ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने तीन कानून बना कर कृषि उत्पादों की लूट की अनुमति दे दी है और अब इनके मंत्रियों के रिश्तेदार किसानों की हत्या कर रहे हैं. हमें कृषकों के साथ एकजुटता दिखानी होगी.'

राकांपा नेता कहा कि एमवीए की मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए. उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद मंत्री के बेटे को गिरफ्तार किया गया.'

लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार की रात गिरफ्तार कर लिया . आशीष पर आरोप है कि उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों को कुचलने वाले वाहनों में से एक में वह सवार था. इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गयी थी.

इस बीच, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिये 'मौन व्रत' आयोजित करेंगे. पटोले ने कहा, 'हमने कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं तथा लोगों से इस बंद को सफल बनाने के लिये इसमें भाग लेने की अपील की है.'

शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने शनिवार को कहा था कि उनकी पार्टी पूरी शक्ति के साथ बंद में शामिल होगी. उन्होंने यह भी कहा था केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ लोगों को जगाना आवश्यक है.

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राज्यव्यापी बंद के दौरान मुंबई पुलिस अधिकतम कर्मियों को तैनात करेगी. किसी भी अप्रिय घटना से बचने लिए सोमवार को सड़कों पर मुंबई पुलिस कर्मियों की तैनाती बढ़ाई जाएगी. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि गश्त तेज कर दी जाएगी.

उन्होंने कहा, 'राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की तीन कंपनियां, होमगार्ड के 500 जवान और स्थानीय सशस्त्र इकाइयों के 400 जवानों को पहले से ही नवरात्रि के दौरान सुरक्षा के लिए अतिरिक्त जनशक्ति के रूप में तैनात किया गया है. लेकिन, बंद को ध्यान में रखते हुए, मुंबई पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अधिकतम जनशक्ति का उपयोग करेगी. सोमवार को सड़कों पर पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी.'

इससे पहले भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी लखीमपुर मामले में संलिप्त तमाम संदिग्धों को तत्काल चिह्नित कर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत हत्या का मुकदमा कायम कर सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग की थी. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को लिखे पत्र में कहा, 'तीन अक्टूबर को खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्दयता पूर्वक कुचलने की जो हृदय विदारक घटना हुई है, उससे सारे देश के नागरिकों में एक पीड़ा और रोष है.

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गांधी ने कहा, इस घटना से एक दिन पहले ही देश ने अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी की जयंती मनाई थी. अगले ही दिन लखीमपुर खीरी में हमारे अन्नदाताओं की जिस घटनाक्रम में हत्या की गई वह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य है. उन्होंने पत्र में लिखा, आंदोलनकारी किसान भाई हमारे अपने नागरिक हैं.

इससे पहले गत 4 अक्टूबर को भी सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर प्रकरण को लेकर परोक्ष टिप्पणी की थी. दरअसल, किसान महापंचायत ने शीर्ष अदालत से मांग की थी कि उन्हें दिल्ली के जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की परमिशन दी जाए. इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं, तो कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता है. प्रदर्शनकारी दावा करते हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन जब वहां हिंसा होती है तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं होता है.

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गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाने में बहराइच जिले के नानपारा क्षेत्र बंजारन टांडा निवासी जगजीत सिंह की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आशीष पर 15-20 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर किसानों के ऊपर जीप चढ़ाने और गोली चलाकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है.

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तिकुनिया थाने में आशीष तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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Last Updated : Oct 11, 2021, 6:11 AM IST

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