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Lakhimpur Kheri Violence: आशीष मिश्रा को बेल पर बोले टिकैत, कोर्ट से फेस-टू-फेस बहस की करेंगे अपील

राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence case) मामले में राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को कोर्ट से जमानत मिलने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि नेटवर्क प्रॉब्लम होने के कारण कोर्ट में वो अपना पक्ष नहीं रख पाए. ऐसे में फिर बहस के लिए कोर्ट में अपील की जाएगी.

Rakesh Tikait
राकेश टिकैत

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Published : Feb 10, 2022, 10:13 PM IST

हरिद्वार:लखीमपुर खीरी में चार किसानों की कार से रौंदकर हत्या मामले (Lakhimpur Kheri violence case) के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जमानत दे दी है. बीते साल 3 अक्टूबर को किसानों को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी गाड़ी से रौंद दिया था. ऐसे में अब कोर्ट से आशीष मिश्रा की जमानत (ashish mishra gets bail from high court) के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपनी प्रतिक्रिया दी (Rakesh Tikait reaction on bail of ashis mishra) है.

राकेश टिकैत का कहना है कि हाई कोर्ट की पीठ इस मामले की ऑनलाइन सुनवाई कर रही थी लेकिन जब हमारा पक्ष रखने का समय आया तो नेटवर्क प्रॉब्लम होने के कारण हमारे वकील सही से अपना पक्ष नहीं रख पाए, जिस कारण आज आशीष मिश्रा को कोर्ट से जमानत मिल गई. ऐसे में अब इस मामले पर दोबारा से बहस के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन लगाई जाएगी. राकेश टिकैत ने कहा कि फेस-टू-फेस बहस की जाए और वकीलों को दोबारा बहस करने का मौका दिया जाए. अगर 5 लोगों के कत्ल करके तीन-तीन महीने में बेल मिलेगी तो क्या होगा?

आशीष मिश्रा को कोर्ट से जमानत मिलने पर प्रतिक्रिया देते राकेश टिकैत

वहीं, कांग्रेस नेता रणगीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कल 'कैमरे' पर सफाई आई थी आज सामने से रिहाई आयी है! किसानों से 'विश्वासघात' नहीं संयोग है, ये राजा के किये अत्याचारों का 'योग' है! मग़र जनता भी कर रही प्रयोग है, सही मौके का करना 'उपयोग' है.

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महंगाई पर प्रतिक्रिया:राकेश टिकैत ने कहा कि महंगाई के कारण किसानों को मजबूरी में अपनी फसल आधे रेट पर बेचनी पड़ रही है. गैस का सिलेंडर ₹400 से ₹1000 पहुंच गया है. ऐसे में किसान भ्रमित है और किसी को भी वोट कर सकता है. राकेश टिकैत ने कहा कि वो चुनाव से दूर हैं. टिकैत ने कहा कि 13 महीने का आंदोलन चलाकर किसको वोट देना है, वो यह बात सरकार से करना चाहते हैं लेकिन सरकार बातचीत नहीं करना चाहती.

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