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लखीमपुर खीरी की घटना पर किस दल ने क्या दी प्रतिक्रिया, एक नजर

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के खिलाफ गोली चलाकर एक किसान की हत्या करने और अपनी जीप से किसानों को कुचलकर मारने का आरोप लगा है. खीरी जिले की तिकुनिया पुलिस ने इस संबंध में मामला भी दर्ज किया है. इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं.

लखीमपुर मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
लखीमपुर मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

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Published : Oct 5, 2021, 10:58 PM IST

Updated : Oct 5, 2021, 11:09 PM IST

लखनऊ : लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाने में बहराइच जिले के नानपारा क्षेत्र बंजारन टांडा निवासी जगजीत सिंह की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आशीष पर 15-20 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर किसानों के ऊपर जीप चढ़ाने और गोली चलाकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है. तिकुनिया थाने में आशीष तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

सोमवार को दर्ज तहरीर में कहा गया है कि तीन अक्टूबर को समस्त क्षेत्रवासी किसान एवं मजदूर अजय कुमार मिश्रा एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के विरुद्ध काले झंडे दिखाने के लिए महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज क्रीड़ा स्थल, तिकुनिया, खीरी में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और तभी आशीष (निवासी बनबीरपुर, निघासन, खीरी) और 15-20 अज्ञात एवं सशस्त्र लोग तीन चार पहिया वाहनों पर सवार होकर बनवीरपुर से सभास्थल की तरफ तीव्र गति से आए.

आरोप लगाया गया है कि आशीष अपने वाहन में बायीं सीट पर बैठकर गोलीबारी करते हुए और भीड़ को रौंदते हुए आगे बढ़ा और इस गोलीबारी में मटरनियां, बहराइच निवासी किसान गुरविंदर सिंह (22) की गोली लगने से मौके पर मौत हो गई. तहरीर में शिकायतकर्ता ने दो गाड़ियों के नंबर भी दिए हैं. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि तीव्र गति से आती ये गाड़ियां अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलट गई जिससे कई राहगीर भी गंभीर रूप से घायल हो गए.

बता दें कि अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने सोमवार को 'भाषा' को बताया था कि इस मामले में आशीष सहित कई अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया हैं. उन्होंने कहा था कि अभी प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध नहीं हुई है इसलिये किन-किन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है इस बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है. तहरीर के मंगलवार को सार्वजनिक होने के बाद ये तथ्य सामने आए हैं.

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इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि उन्हें गैरकानूनी ढंग से रखा गया, वकीलों को मिलने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीतापुर के पीएसी परिसर में उन्हें गैरकानूनी ढंग से रखा गया है और हिरासत के 38 घंटे बीत जाने के बावजूद कोई प्राथमिकी नहीं दिखाई गई है तथा उन्हें अपने वकीलों से भी नहीं मिलने दिया जा रहा है.

प्रियंका गांधी ने एक बयान में कहा कि उन्हें अब तक किसी मजिस्ट्रेट या न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश नहीं किया गया और न ही उन्हें अपने वकील से मिलने दिया गया जबकि उनके वकील सुबह से ही परिसर के गेट पर खड़े हैं. बता दें कि प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाते समय रास्ते से हिरासत में लिया गया था और वह सोमवार सुबह से ही पुलिस की अभिरक्षा में हैं. बकौल प्रियंका, उन्हें डीएसपी पीयूष कुमार सिंह (सीओ सिटी-सीतापुर) द्वारा चार अक्टूबर की शाम साढ़े चार बजे मौखिक रूप से सूचित किया गया कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

प्रियंका गांधी ने कहा, 'जब मुझे गिरफ्तार किया गया तो मैं सीतापुर जिले में ही थी और लखीमपुर खीरी से करीब 20 किलोमीटर दूर थी जहां धारा 144 लगाई गई थी. बहरहाल, मेरी जानकारी के हिसाब से सीतापुर में धारा 144 नहीं लगी हुई थी.' उनके मुताबिक, वह जिस वाहन में थी उसमें उनके साथ चार लोग थे. दो स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा तथा संदीप सिंह (निजी सचिव) थे.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और उनकी पार्टी के अन्य लोगों को किसानों और लोकतंत्र के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है. उमा भारती ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश की प्रभारी एवं कांग्रेस महासचिव वाद्रा और कांग्रेस के अन्य नेताओं को जिन मुद्दों पर बोलने का अधिकार नहीं है, उन पर ना बोलें.'

भाजपा नेता ने अगले ट्वीट में कहा, 'आजादी के तुरंत बाद, देश में गांधीजी के कृषि को प्रमुख आर्थिक आधार मानने के सपने को उस समय के प्रधानमंत्री नेहरु जी ने ध्वस्त कर दिया. फिर तो कृषि और किसान पीछे छूटते ही गए.'

उमा भारती ने आगे कहा, ' देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस पार्टी, अपने मुंह से लोकतंत्र का उच्चारण करने का अधिकार खो चुकी है. 1984 के दंगों में कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने ही दस हजार सिखों को जिंदा भूना था. कांग्रेस के मुंह से अहिंसा शब्द शोभा नहीं देता.' भारती ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को उनका सुझाव है कि वे किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार के साथ सहयोगी एवं सकारात्मक रुख रखे.

प्रियंका की गिरफ्तारी से कांग्रेस में आक्रोश का माहौल है. कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी पार्टी की नेता प्रियंका गांधी वाद्रा को बुधवार तक नहीं रिहा किया गया और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को किसानों की हत्या के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया तो कांग्रेस की पंजाब इकाई उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के लिए कूच करेगी.

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सिद्धू ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'यदि कल तक, किसानों की निर्मम हत्या के लिए जिम्मेदार केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया जाता है और किसानों के लिए लड़ रहीं तथा गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार की गईं हमारी नेता प्रियंका गांधी को रिहा नहीं किया जाता है तो पंजाब कांग्रेस लखीमपुर खीरी के लिए कूच करेगी.'

इसके अलावा राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की है. पायलट ने कहा, 'जांच उच्चतम न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए क्योंकि लोगों को राज्य की जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं है कि उन्हें इस मामले में न्याय मिलेगा.'

नवजोत सिंह सिद्धू का ट्वीट

उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में जो हुआ वह दिल दहला देने वाला था. पायलट ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को हिरासत में लिये जाने की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि 'यह कांग्रेस के बारे में नहीं बल्कि लोकतंत्र और किसानो के बारे में है.'

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की निंदा करते हुए इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग उठायी. लखीमपुर खीरी में हिंसा की घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि रविवार की घटना के बाद से हिंसा हो रही है.

उन्होंने कहा, 'किसान 300 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश में हुई घटना प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों के प्रति केंद्र की उदासीनता का परिणाम है.' द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने पार्टी द्वारा जारी एक बयान में कहा, 'हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ न्यायिक जांच का आदेश दिया जाना चाहिए. केंद्र सरकार को यह समझना चाहिए कि तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने से ही सामान्य स्थिति और पूर्ण शांति बहाल होगी.'

एमके स्टालिन के ट्वीट

लखीमपुर हिंसा को लेकर अन्य दल भी सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. न्याय सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने भी प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की अपील की है. उन्होंने केंद्र की 'असंवेदनशीलता और निष्क्रियता' पर आश्चर्य प्रकट किया. बादल के प्रधान सलाहकार हरचरण सिंह बैंस ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है.

ट्वीट में कहा गया, 'लखीमपुर में निर्दोष किसानों की नृशंस हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता और निष्क्रियता से स्तब्ध हूं.' बादल के हवाले से ट्वीट कर बैंस ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि दोषी चाहे जो भी हों, उन्हें उचित सजा मिले.'

शिवसेना की प्रतिक्रिया
लखीमपुर खीरी प्रकरण पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने ईटीवी भारत से बात की. संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से किसानों के खिलाफ रवैया अपनाया गया है. वह बिल्कुल सही नहीं है. शिवसेना नेता ने पूछा कि क्या यही लोकतंत्र है ? अब किसानों पर गाड़ियां चढ़ाई जा रही हैं और प्रियंका गांधी और बाकी पार्टियों के वहां जाने से शांति भंग हो रही है.

आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री से लखीमपुर खीरी हिंसा के प्रभावित परिवारों से मिलने की अपील की है. प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में आप नेता संजय सिंह ने उनसे सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को अपने साथ ले जाने की भी अपील की.

सिंह ने पत्र में लिखा है, 'मैं हाथ जोड़कर आपसे अपील करता हूं कि दुख और पीड़ा की इस घड़ी में आप को किसी उत्सव का आयोजन करने से अपना ध्यान हटाना चाहिए एवं उन किसानों के परिवारों के सदस्यों से मिलने के लिए सभी दलों के साथ लखीमपुर खीरी जाना चाहिए, जो अकारण आपके मंत्री की कार के नीचे नृशंस तरीके से कुचल दिये गये और मार डाले गये.'

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, 'आपको उन परिवारों के बीच जाकर पश्चाताप करना चाहिए एवं माफी मांगनी चाहिए, अपने मंत्री को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए, दोषियों को गिरफ्तार करवाना चाहिए और मंत्रिपरिषद का प्रमुख होने के नाते इस घटना के लिये जिम्मेदारी लेनी चाहिए ..... न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरा देश इस शोक और सदमे में है, आप कैसे कोई उत्सव मना सकते हैं. '

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Oct 5, 2021, 11:09 PM IST

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