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क्या लोगों में जागरुकता की कमी से देश में बढ़ रहे कोविड 19 के मामले

भारत में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर लोगों का कम जागरूक होना भी हो सकता है. उक्त बातें स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अपने अध्ययन में बताई है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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Published : Aug 20, 2022, 8:40 PM IST

Updated : Aug 20, 2022, 10:39 PM IST

नई दिल्ली :देश के कुछ राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर कम जागरुकता के कारण कोविड-19 के केस बढ़ने में इसकी अहम भूमिका हो सकती है. इसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शनिवार को एक अध्ययन में चिंता जताई है. इस संबंध में एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले (Dr. Tamorish Kole) ने कहा कि जब लोगों में हल्के लक्षण होते हैं तो लोग उन्हें अनदेखा कर देते हैं.

उन्होंने कहा कि हाल ही में कोरोना संक्रमण में वृद्धि में ओमीक्रोन का सबवेरिएंट बीए 2.75 भी एक प्रमुख कारण हो सकता है. कोले ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि यह अच्छी मात्रा में एंटीबॉडी वाले लोगों को संक्रमित कर रहा है. इसके अलावा हमें कोविड संक्रमण से बचने के लिए इसके लिए निर्धारित की गई गाइड लाइन का पालन करना चाहिए. इसी क्रम में अमेरिका स्थित जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) नेटवर्क द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि लोगों में कोरोना वायरस के तेजी से संक्रमण के लिए ओमीक्रोन को लेकर जागरुकता का कम होना भी अपनी अहम भूमिका निभा सकता है.

डॉ कोले ने कहा कि ओमीक्रोन वेरिएंट आमतौर पर थकान, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश या नाक बहने जैसे कम गंभीर लक्षणों से जुड़ा होता है. लेकिन यह किसी अन्य मौसमी फ्लू के साथ भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर किसी व्यक्ति के संभावित ओमीक्रोन संक्रमण से जोड़ना भी बेहद मुश्किल है. कोले ने कहा कि हालांकि मैं इस निष्कर्ष से आश्चर्यचकित नहीं हूं लेकिन राहत की बात यह है कि संक्रमण हल्का है.

उन्होंने इसको लेकर लोगों पर निगरानी के साथ टेस्टिंग, ट्रेसिंग और उपचार करने का सुझाव दिया. कोले ने कहा, हमें कोविड-19 की एक और संभावित तेजी से निपटने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. हालांकि, डॉ कोले ने भारत के कोविड-19 टीकाकरण अभियान को स्वीकार करते हुए कहा कि देश का टीकाकरण कार्यक्रम एक मजबूत कार्यक्रम है. इससे भविष्य में उसी गति को बनाए रखने के लिए हमें लक्ष्य बनाने की आवश्यकता है.

बता दें कि भारत में पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के मामलों की संख्या में उतार-चढ़ाव देखा गया है. पिछले शुक्रवार (12 अगस्त) को रिपोर्ट किए गए 4.88 प्रतिशत की तुलना में साप्ताहिक सकारात्मकता की दर 3.90 प्रतिशत थी. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अगस्त के पहले सप्ताह में 144 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक की पॉजिटिव की जानकारी कोरोना वायरस के संभावित प्रसार को इंगित करती है. दिल्ली के नौ जिले, गौतमबुद्ध नगर, कोलकाता और पुणे 10 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिव की रिपोर्ट वाले बड़े शहरों में शामिल थे. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली (6146), हरियाणा (3813), कर्नाटक (9777), केरल (7834), महाराष्ट्र (11733), पंजाब 15856) में सक्रिय कोविड मामलों में वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त जताई है. कोविड के मामलों में वृद्धि के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी संबंधित राज्यों को सार्वजनिक स्थानों पर कोविड के उचित व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए कहा है.

वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के पूर्व महासचिव डॉ. आरवी असोकन ने कहा कि कोविड-19 का मौजूदा स्वरूप गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत के लिए एक और बड़ा प्लस पॉइंट यह है कि अधिकतम लोगों को टीका लगाया जा चुका है. इसके अलावा बूस्टर खुराक की शुरुआत के साथ कोविड 19 संक्रमण का प्रभाव भी कम होगा. उन्होंने कहा कि वायरस अभी भी समाज में है, इसलिए हमें कोविड-19 के व्यवहार का पालन करना चाहिए.हालांकि भारत में कोविड-19 का 209.40 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है. इसके अलावा 12-14 वर्ष के आयु वर्ग के लिए पहली खुराक के 3.99 करोड़ टीके भी लग चुके हैं.

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Last Updated : Aug 20, 2022, 10:39 PM IST

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