मुंबई :इलाज में आमतौर पर मरीज को खून चढ़ाया जाता है, लेकिन हिजामा थेरेपी में मरीज के शरीर से खून निकालकर बीमारी दूर की जाती है. सालों पुरानी इस पद्धति को कपिंग थेरेपी भी कहा जाता है. हिजामा से माइग्रेन, जॉइंट पेन, कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल डिस्क, पैरों में सूजन, सुन्न होना और झनझनाहट जैसी बीमारी का इलाज मिनटों में संभव है. इस इलाज में दवा की जरुरत नहीं होती है.
सालों पुरानी इस पद्धति से लोग अनजान हैं, यहां तक कि डॉक्टर भी इसके बारे में कम जानते हैं. हिजामा इलाज का एक प्राचीन उपाय है और इसे पैगंबर मुहम्मद से भी जोड़ कर देखा जाता है.
हिजामा शब्द अरबी शब्द हजाम से बना है, जिसका अर्थ है खींचना या चूसना. इस प्रक्रिया में शरीर के विभिन्न हिस्सों से थोड़ी मात्रा में रक्त निकाला जाता है.
इस के बारे में महाराष्ट्र के मालेगांव से संबंध रखने वाले हिजामा स्पेशलिस्ट डॉक्टर आबिद ने बताया कि इस्लामी चांद की तीन तारीखों 17 तारीख, 19वीं और 21वीं, को हिजामा करवने से कई फायदे होते हैं.