IMA में जुड़ती और खत्म होती परंपराएं देहरादून(उत्तराखंड): भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड, पीपिंग सेरेमनी सभी परंपराओं को निभाते हुए आज संपन्न हो गई. आज आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ मनोज पांडे ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर शिरकत की. यह सेना में अफसर बनने वाले जेंटलमैन कैडेट्स के लिए खास बात थी. परेड के बाद सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने नए अफसरों को संदेश दिया. खास बात यह रही कि इस बार परेड में कुछ नया बदलाव भी देखने को मिला. जिसने समय के साथ अकादमी में पुरानी परंपराओं को खत्म होने और नई परंपराओं के जुड़ने का सिलसिला आगे बढ़ाया.
सुबह 6:30 बजे शुरू हुई पासिंग आउट परेड: भारतीय सैन्य अकादमी के लिए आज का दिन बेहद खास रहा. अकादमी में जेंटलमैन कैडेट्स कड़ी प्रशिक्षण के बाद आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. इस दौरान अकादमी में पासिंग आउट परेड से लेकर पीपिंग सेरेमनी और ओथ सेरेमनी आयोजित की गई. सुबह करीब 6:30 तक पासिंग आउट परेड के लिए चैट वुड भवन के ठीक सामने मेहमानों के लिए लगाई गई कुर्सियों पर सेना के अफसरों के साथ ही उनके परिवार जन और जेंटलमैन कैडेट्स के परिवार के लोग भी पहुंचे. इसके बाद परेड के मुख्य अतिथियों का पहुंचना शुरू हुआ.
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IMA में घोड़े बग्गी की परंपरा खत्म: परेड में आईएमए के कमांडेंट करीब 7 बजे पहुंचे. इसके कुछ ही मिनटों बाद भारतीय थल सेना के सेनाध्यक्ष मनोज पांडे भी ऐतिहासिक चेटवुड भवन में दाखिल हुए. खास बात यह रही कि इस बार मुख्य अतिथि या कहे रिव्युइंग अफसर की परेड एंट्री बदली हुई दिखाई दी. अब तक परेड एंट्री में पटियाला के महाराजा की तरफ से दी गई घोड़े बग्गी का इस्तेमाल किया जाता था. जिसे अब से पासिंग आउट परेड की परंपरा से हटा दिया गया है. अब घोड़ा बग्गी की जगह मुख्य अतिथि कार से ही परेड मैदान के बाहर पहुंचे. यहां आईएमए के कमांडेंट ने उनका स्वागत किया. जिसके बाद उन्हें चैटवुड भवन के सामने बने ग्राउंड तक लाया गया.
हुए पीओपी में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे शामिल हुए सुबह 7:10 बजे शुरू हुई पासिंग आउट परेड:इस तरह मुख्य अतिथि के पहुंचने के फौरन बाद करीब 7:10 पर पासिंग आउट परेड शुरू हुई. इस दौरान भारतीय सेना में शामिल होने वाले 331 जवानों ने शानदार परेड करते हुए अपने कदमताल से सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. इस बीच रिव्यूइंग अफसर ने परेड का निरीक्षण किया. बेहतर प्रदर्शन करने वाले केडेट्स को मेडल दिए. इसके बाद करीब 8:20 पर परेड वापस चैटवुड भवन की तरफ रवाना हुई. इसके बाद अंतिम पग पार करने की प्रक्रिया संपन्न हुई.
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पीपिंग और ओथ सेरेमनी ऐसे हुई पूरी:परेड खत्म होने के बाद करीब 1 घंटे 15 मिनट के बाद पीपिंग सेरेमनी और ओथ सेरेमनी के लिए सेना के सभी अफसर और जेंटलमैन कैडेट्स फिर से तैयार दिखे. यहां भारतीय कैडेट्स के साथ विदेशी कैडेट्स भी मौजूद थे. ठीक 10:05 पर पीपिंग सेरेमनी शुरू हुई. यहां जेंटलमैन कैडेट्स को सेरेमनी में पहुंचे उनके परिजनों ने सितारे लगाकर अपने हाथों से भारतीय सेना के अफसर बनने की तरफ आगे बढ़ाया. उधर मित्र देशों के विदेशी कैडेट्स को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ मनोज पांडे और सेना के दूसरे अफसरों और उनके परिजनों ने सितारे पहनाए. इस तरह कंधों पर सितारे लगने के बाद जेंटलमैन कैडेट्स ने परिजनों के साथ खुशी का इजहार किया. मूल रूप से टिहरी और मौजूदा समय में देहरादून में रह रहे शौर्य और उनके परिजनों से इस दौरान ईटीवी भारत ने बातचीत की.
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सैन्य अफसर शौर्य के साथ ही यहां कई दूसरे सैन्य अफसर भी मौजूद थे. इन्हीं में लखनऊ के रहने वाले पीयूष भी एक थे. पीयूष की मां ने अपनी खुशियों को बयां किया. पीयूष ने कहा बेहद संघर्ष के बाद उन्हें आज यह परिणाम मिला है. उन्होंने अपने माता-पिता और अपने गुरुजनों से कई बार डांट खाई. उन्होंने समझाया भी शायद इसीलिए वह अपने ट्रैक पर बने रहे. यह मुकाम हासिल किया. पीयूष के पिता रामू पांडे कहते हैं कि वह पेशे से पत्रकार हैं. उनके पूरे परिवार में आज तक कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं रहा. उनका बेटा पहला व्यक्ति है जो सरकारी अफसर के रूप में सेना में शामिल हो रहा है. प्रज्ञा पांडे ने कहा उनका बेटा कभी भी हार नहीं मानता.
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टोपियां उछालने की परंपरा भी खत्म:पीपिंग सेरेमनी खत्म होने के बाद अब एक और महत्वपूर्ण सेरेमनी शुरू हुई. यह सेरेमनी देश के प्रति अपनी वफादारी और कर्मठता को लेकर शपथ लेने की थी. इसमें सेना के इन नये अफसरों ने शपथ लेते हुए देश की सुरक्षा के लिए हरदम तैयार रहने की कसम ली. इसके बाद अपने साथियों के साथ पुश अप लगाकर अपनी खुशी को साझा किया. याद दिला दे कि पीपिंग सेरेमनी के बाद पहले सेना के यह नए अफसर अपनी टोपियां उछाल कर खुशी जाहिर करते थे, लेकिन, पूर्व में ही इस पुरानी परंपराओं को खत्म कर दिया गया है. उधर अकादमी में नई परंपरा को शुरू करते हुए पहले कदम की शुरुआत की गई है. जिसमें शपथ समारोह के बाद अफसर इस पहले कदम से गुजर कर सेना में खुद के प्रथम पग की नई शुरुवात करते हैं.उसके बाद करीब 11:30 बजे अकादमी में सेरेमनी की समाप्त हुई. इसके बाद देश के यह अफसर अपने परिवारों के साथ नई तैनाती से पहले कुछ दिन की छुट्टी के लिए रवाना हुए.