KK Rail Route Started In Bastar: बस्तर में केके रेल रुट पर रेल सेवा बहाल, 17 दिन बाद बस्तर विशाखापट्टनम रेल रूट दोबारा शुरू
KK Rail Route Started In Bastar बस्तर में केके रेल रूट भूस्खलन से बाधित था. यहां 17 दिन बाद सेवा शुरू हुई है. केके रेल लाइन से मिट्टी और चट्टानों को हटाने में रेलवे को कुल तीन करोड़ रुपये खर्च करने पड़े. जबकि 17 दिनों में कुल 119 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. Bastar Visakhapatnam Rail Route
जगदलपुर: बस्तर विशाखापट्टनम रेल रूट पर लैंड स्लाइड ने केके रेलमार्ग को बाधित कर दिया था. यहां बीते 17 दिनों से रेलवे ट्रैफिक बाधित था. जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. विशाखापट्नम से चलने वाली सभी यात्री ट्रेनों को कोरापुट तक चलाया जा रहा था. लगातार 17 दिनों से केके रेल रूट पर गाद, बजरी और चट्टानों को हटाने का काम किया जा रहा था. जिसमें 10 अक्टूबर को रेल लाइन को क्लीयर करने में सफलता मिली. अब केके रेल लाइन पर रेल सेवा बहाल कर ली गई है. 10 अक्टूबर रात 9 बजे पहली मालगाड़ी इस रूट पर गुजरी.
12 अक्टूबर से बस्तर विशाखापट्टनम रेल रूट पर चलेंगी ट्रेनें (Jagdalpur KK Rail line Clear after landslide): 12 अक्टूबर से बस्तर और विशाखापट्टनम रेल रूट पर ट्रेन सेवा बहाल कर दी जाएगी. केके रेल रूट पर यात्री ट्रेनें चलने लगेंगी. बीते 17 दिनों तक केके रेल मार्ग पर रेल सेवा पूरी तरह से बाधित रही. लैंड स्लाइड ने केके रेल मार्ग पर रेलों की आवाजाही को रोकने का काम किया था. लेकिन अब रेलवे की मशक्कत और मरम्मत कार्य की वजह से इस रूट पर ट्रेन सेवा बहाल कर दी गई है.
केके रेल मार्ग पर 24 सितंबर को हुआ था भूस्खलन: केके रेल मार्ग पर 24 सितंबर को भूस्खलन हुआ था. ओडिशा और बस्तर में हो रही लगातार बारिश की वजह से ऐसा हुआ था. 24 सितंबर की रात को मनाबार और जड़ती रेलवे स्टेशन के बीच लैंड स्लाइड से बड़ी मात्रा में मिट्टी और पत्थर रेल की पटरी पर गिरा था. जिसकी वजह से केके रेल रूट पर पूरी तरह से आवागमन बाधित हो गया था.
कुल आठ यात्री ट्रेनें थी प्रभावित: इस घटना की वजह से केके रेल रूट पर चलने वाली 8 यात्री ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद हो गया. जिसमें 5 ट्रेनें बस्तर से जुड़ी हुई थी. समलेश्वरी एक्सप्रेस, राउरकेला जगदलपुर एक्सप्रेस, हीराखंड एक्सप्रेस, किरंदुल विशाखापट्टनम नाइट एक्सप्रेस, किरंदुल विशाखापट्टनम पैसेंजर की सेवा बस्तर के लिए रद्द की गई थी. यह ट्रेनें कोरापुट तक चलाई जा रही थी. इसके साथ ही मालगाड़ियों का परिचालन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था.
करीब 450 मजदूरों की लगी मेहनत: लैंड स्लाइड के बाद भारी बारिश रेलवे ट्रैक को दुरुस्त करने मे परेशानी का कारण बना हुआ था. बीते 17 दिनों में 25 जेसीबी और 450 वर्कर्स इस रेल रूट को बहाल करने में लगे. तब जाकर सफलता मिली. बीते 17 दिनों में रेलवे को कुल 117 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हर रोज इस रूट पर 12 मालगाड़ियां चलती थी. पूरे रेल रूट को क्लीयर करने में तीन करोड़ रुपये रेलवे के खर्च हुए हैं.