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तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- मुल्लापेरियार बांध के रखरखाव काम में केरल का रुख बाधावादी - MULLAPERIYAR DAM

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को तमिलनाडु ने बताया है कि मुल्लापेरियार बांध (Mullaperiyar dam) के रखरखाव और मरम्मत के लिए किए जाने वाले उपायों को केरल पूरा नहीं करने दे रहा है. इस मसले पर केरल के द्वारा बाधावादी रवैया अपनाया जा रहा है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

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Published : Feb 3, 2022, 8:05 PM IST

नई दिल्ली :तमिलनाडु राज्य ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) को बताया है कि केरल राज्य 'बाधावादी रवैया' दिखा रहा है और इसे शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार मुल्लापेरियार बांध मुद्दे के रखरखाव और मरम्मत के लिए किए जाने वाले उपायों को पूरा नहीं करने दे रहा है. बता दें कि मुल्लापेरियार बांध (Mullaperiyar dam) मुद्दे को लेकर केरल और तमिलनाडु राज्य के बीच विवाद को लेकर एक मामले में राज्य की प्रतिक्रिया आई है. केरल राज्य चाहता है कि इसे अपने पुराने बांध को देखते हुए ध्वस्त कर दिया जाए और अब यह सुरक्षित नहीं है.

वहीं तमिलनाडु का कहना है कि सुरक्षा कोई चिंता का विषय नहीं है क्योंकि इसकी जांच अधिकार प्राप्त समिति द्वारा की गई थी, सीडब्ल्यूसी दिल्ली, सीएसएमआरएस, नई दिल्ली और सीडब्ल्यूपीआरएस, पुणे आदि द्वारा परीक्षण और अध्ययन किए गए थे और बांध सभी तरह से सुरक्षित पाया गया था. इस सिलसिले में करीब 40 टेस्ट भी किए गए थे.

दायर रिपोर्ट में, तमिलनाडु ने कहा है कि पर्यवेक्षी समिति नियमित रूप से बांध का निरीक्षण कर रही है और रिकॉर्ड किया है कि स्थिति बांध की संतोषजनक है. हालांकि, सुरक्षा की एक नई समीक्षा की जानी है, जो तमिलनाडु के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेशित और केरल द्वारा बाधित किए जाने वाले सुदृढ़ीकरण उपायों को करने से पहले आयोजित नहीं की जानी चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि तमिलनाडु ने बताया कि कोर्ट द्वारा निर्देशित शेष सुदृढ़ीकरण कार्यों को करने के लिए बार-बार प्रयासों के बावजूद केरल से विफल रहा है.

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तमिलनाडु ने केरल राज्य को समयबद्ध तरीके से आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए निर्देश देने की मांग की है ताकि सुदृढ़ीकरण और रखरखाव कार्य किया जा सके और पर्यवेक्षी समिति के निर्णयों को भी अक्षरशः लागू किया जा सके. इसके अलावा, इसने सीडब्ल्यूसी/पर्यवेक्षी समिति या इसकी संस्थाओं को शेष सुदृढ़ीकरण कार्यों को पूरा करने के बाद ही बांध की सुरक्षा की समीक्षा करने के निर्देश देने की प्रार्थना की है.

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