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कश्मीर में पर्यटकों के आगमन से आतिथ्य उद्योग चमका, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा फायदा - डल झील

कश्मीर में पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है, जिससे स्थानीय आतिथ्य उद्योग में फिर से उम्मीद जगी है. सैलानियों के आने से पहलगाम और गुलमर्ग में होटल व्यवसायियों और टूर ऑपरेटरों में खुशी देखी जा रही है.

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Published : Jul 10, 2021, 9:13 PM IST

श्रीनगर : साल की शुरुआत के बाद पहली बार कश्मीर में पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है, जिससे स्थानीय आतिथ्य उद्योग में फिर से उम्मीद जगी है. सैलानियों के आने से कश्मीर की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी काफी फायदा पहुंचेगा. पर्यटकों को श्रीनगर के ऐतिहासिक उद्यानों- मुगल, निशात, शालीमार और चश्मे शाही के टिकट काउंटरों पर लाइन में खड़ा देखा जा सकता है. अन्य जगहों पर भी, आतिथ्य उद्योग के पास जश्न मनाने के कारण हैं.

प्रसिद्ध पुल के पास एक रेस्तरां चलाने वाले जान मोहम्मद ने कहा, शाम को श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर वेइल ब्रिज को पार करने में अब एक घंटे से अधिक समय लगता है. उन्होंने कहा, सोनमर्ग से पर्यटकों के साथ लौटने वाले वाहन इस संकरे पुल के उत्तरी किनारे पर अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं. शिकारावाला, जो अपनी आजीविका के लिए डल झील में आगंतुकों को आनंद की सवारी पर ले जाते हैं, को इस साल अपने पहले ग्राहक मिलने लगे हैं.

व्यवसायियों में खुशी

झील के गगरीबल इलाके के शिकारावाला अब्दुल सलाम ने कहा, डल झील घूमने आने वाले पर्यटकों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है. मुझे उम्मीद है कि गर्मियों के पर्यटन सीजन के अंत तक प्रवाह और बढ़ेगा. पहलगाम और गुलमर्ग में होटल व्यवसायियों और टूर ऑपरेटरों में खुशी देखी जा रही है. पहलगाम के एक होटल प्रबंधक ने कहा, हमारे पास वसंत के लिए बुकिंग थी, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इन्हें रद्द कर दिया गया. अब हमें मेहमान मिलने लगे हैं और आने वाले महीनों के लिए बुकिंग भी शुरू हो गई है.

कश्मीर में सबसे अधिक मांग वाले पर्यटन स्थल गुलमर्ग में सर्दी के मौसम के बाद पहली बार अच्छी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. गुलमर्ग के स्की ट्रेनर शब्बीर अहमद ने कहा, टैक्सी ऑपरेटरों से लेकर टट्टू मालिकों, ट्रेकिंग गाइड और होटल व्यवसायियों तक, हम सभी को अब अपने ग्राहक फिर से मिलना शुरू हो गए हैं. अहमद ने कहा, अगर सब कुछ ठीक रहा तो हमें इस महीने के अंत तक गुलमर्ग में अच्छी संख्या में पर्यटक मिल जाएंगे.

कोविड-19 प्रोटोकॉल चुनौती
प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिंता घाटी में आने वाले पर्यटकों के बीच कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन न होना है. श्रीनगर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हमें आगंतुकों और उनके साथ आने वाले स्थानीय लोगों को याद दिलाते रहना होगा कि महामारी अभी भी आस-पास है. अधिकारी ने कहा, एक निवारक के रूप में हम उन लोगों पर दंड लगाते हैं, जो मास्क नहीं पहनते हैं या जो उन्हें ढंग से नहीं पहनते हैं. दंड लगाने का तरीका काम भी कर रहा है, लेकिन पर्यटक और टूर ऑपरेटर दोनों ही महामारी के प्रसार के कम करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं. कोरोना को हराने को लेकर यह संदेश हर उस स्थान पर दिया जा रहा है, जहां हम पर्यटक वाहनों की जांच करते हैं.

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कश्मीर में पर्यटकों के लौटने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा मिलेगा और लोगों को रोजगार मिलने में मदद मिलेगी. महामारी के दौरान स्थानीय तौर पर छाई आर्थिक मंदी और बेरोजगारी को पाटने में यह काफी हद तक मदद करेगा.

(आईएएनएस)

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