बेंगलुरु/नई दिल्ली :कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में सबसे अधिक सीटने के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर मंथन का दौर जारी है. इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सोमवार को पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दिया और विचार-विमर्श किया. हालांकि कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका. फलस्वरूप इस सिलसिले में खड़गे की पर्यवेक्षकों के साथ मंगलवार को शाम 4 बजे बैठक होगी. वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश दिल्ली पहुंचे. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की. डीके सुरेश ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनका भाई मुख्यमंत्री बने. साथ डीके शिवकुमार ने भी कहा है कि वह मंगलवार को दिल्ली पहुंचने की कोशिश करेंगे. इससे पहले सिद्धारमैया तो दिल्ली पहुंच गए थे लेकिन डीके शिवकुमार ने कहा था कि वह पेट में संक्रमण की वजह से दिल्ली नहीं जा पाए हैं.
इससे पहले मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में जुटे केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने दिल्ली स्तर पर अपनी पसंद की पैरवी करने का फैसला किया. राज्य विधानसभा चुनाव के लिए 13 मई को मतदान के नतीजे सामने आ गए. कांग्रेस ने अभूतपूर्व 135 सीटें जीतीं और पूर्ण सरकार बनाने का मौका मिला. नतीजे सामने आने के बाद रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में एआईसीसी द्वारा नियुक्त तीन पर्यवेक्षकों और राष्ट्रीय नेताओं ने राज्य के 135 विधायकों की राय ली.
पर्यवेक्षक विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए गुप्त मतदान की जानकारी लेकर दिल्ली जाएंगे और इसे एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेंगे. डीके शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि पार्टी संगठन के लिए काम करने के बाद उन्हें मौका दिया जाना चाहिए. दूसरी ओर, सिद्धारमैया इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उनके पास अधिक विधायकों का समर्थन है और वह भी सीएम बनने के योग्य हैं.
जहां दोनों कद्दावर नेताओं में पार्टी के शीर्ष पद के लिए होड़ लगी है, वहीं राज्य में विधायकों का झुकाव किसकी तरफ है इसकी जानकारी अभी तक पक्की नहीं हो पाई है. फिलहाल हाईकमान के पास विधायक दल के नेताओं को चुनने का मौका है. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने दिल्ली स्तर पर अपने प्रयासों का संचालन करने का फैसला किया है. पूर्व सीएम सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद को लेकर हाईकमान से मिलने दिल्ली गए हैं.