चित्रदुर्ग: कर्नाटक में चित्रदुर्ग जिले के कवाडीगरहट्टी में जल प्रदूषण मामले में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर पांच हो गई, साथ ही अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या भी 36 से बढ़कर 149 हो गई है. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में कम से कम 16 लोगों का इलाज किया जा रहा है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. इस घटनाक्रम से अधिकारियों की उदासीनता के खिलाफ जनता में आक्रोश है.
60 वर्षीय पर्वतम्मा का शुक्रवार को कवाडीगरहट्टी स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. तीन दिनों से उनका इलाज उनके घर पर ही चल रहा था. सुधार के लक्षण दिखने पर उसे अस्पताल से वापस भेज दिया गया. लेकिन पैरालिसिस से पीड़ित पर्वतम्मा ने शुक्रवार सुबह दम तोड़ दिया. एक साल के बच्चे समेत पर्वतम्मा के परिवार के नौ सदस्यों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. दो की हालत गंभीर है.
चित्रदुर्ग के बसवेश्वरा अस्पताल में भर्ती 50 वर्षीय रुद्रप्पा की शुक्रवार सुबह उल्टी और दस्त के के कारण मौत हो गई. जल प्रदूषण की घटना 31 जुलाई को दर्ज की गई थी. चित्रदुर्ग के बाहरी इलाके कवाडीगरहट्टी के निवासी मंजुला (23) और रघु (27) की दूषित पानी पीने से मृत्यु हो गई और 36 अन्य बीमार पड़ गए. प्रवीण, जो 30 जुलाई को गांव में अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे, अगले दिन वड्डारसिद्दनहल्ली में उनकी मृत्यु हो गई.
चित्रदुर्ग लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए. नारायणस्वामी ने मृतक रुद्रप्पा के आवास का दौरा किया और परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी. चित्रदुर्ग में लोगों ने प्रशासन और स्थानीय कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र पप्पी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. पुजारी शिवशरण हरलैया और दलित नेताओं के विरोध के बाद, विधायक पप्पी ने बसवेश्वर अस्पताल का दौरा किया.