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Karnataka News: जीवन देने वाला जल बना पांच के लिए मौत का सबब, 16 आईसीयू में भर्ती

कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के कवाडीगरहट्टी में जल प्रदूषण मामले में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर पांच हो गई है. इस घटना में अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या भी 36 से बढ़कर 149 हो गई है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना के जांच के आदेश दिए हैं.

death by polluted water
प्रदूषित पानी से मौत

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Published : Aug 4, 2023, 4:09 PM IST

Updated : Aug 4, 2023, 7:34 PM IST

चित्रदुर्ग: कर्नाटक में चित्रदुर्ग जिले के कवाडीगरहट्टी में जल प्रदूषण मामले में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर पांच हो गई, साथ ही अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या भी 36 से बढ़कर 149 हो गई है. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में कम से कम 16 लोगों का इलाज किया जा रहा है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. इस घटनाक्रम से अधिकारियों की उदासीनता के खिलाफ जनता में आक्रोश है.

60 वर्षीय पर्वतम्मा का शुक्रवार को कवाडीगरहट्टी स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. तीन दिनों से उनका इलाज उनके घर पर ही चल रहा था. सुधार के लक्षण दिखने पर उसे अस्पताल से वापस भेज दिया गया. लेकिन पैरालिसिस से पीड़ित पर्वतम्मा ने शुक्रवार सुबह दम तोड़ दिया. एक साल के बच्चे समेत पर्वतम्मा के परिवार के नौ सदस्यों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. दो की हालत गंभीर है.

चित्रदुर्ग के बसवेश्वरा अस्पताल में भर्ती 50 वर्षीय रुद्रप्पा की शुक्रवार सुबह उल्टी और दस्त के के कारण मौत हो गई. जल प्रदूषण की घटना 31 जुलाई को दर्ज की गई थी. चित्रदुर्ग के बाहरी इलाके कवाडीगरहट्टी के निवासी मंजुला (23) और रघु (27) की दूषित पानी पीने से मृत्यु हो गई और 36 अन्य बीमार पड़ गए. प्रवीण, जो 30 जुलाई को गांव में अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे, अगले दिन वड्डारसिद्दनहल्ली में उनकी मृत्यु हो गई.

चित्रदुर्ग लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए. नारायणस्वामी ने मृतक रुद्रप्पा के आवास का दौरा किया और परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी. चित्रदुर्ग में लोगों ने प्रशासन और स्थानीय कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र पप्पी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. पुजारी शिवशरण हरलैया और दलित नेताओं के विरोध के बाद, विधायक पप्पी ने बसवेश्वर अस्पताल का दौरा किया.

पानी के सैंपल की एफएसएल रिपोर्ट में कोई जहरीला रसायन नहीं पाए जाने की पुष्टि हुई है. यह आरोप लगाया गया कि एक स्थानीय व्यक्ति के खिलाफ पॉक्‍सो मामला दर्ज होने के बाद शरारती तत्वों ने पानी में जहर मिला दिया होगा. हालांकि, रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि यह त्रासदी पानी के दूषित होने के कारण हुई है.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और जिला अधिकारियों को दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने एईई आर मंजूनाथ गिराड्डी और जेई एसआर को निलंबित करने की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट भेज दी है. कवाडीगरहट्टी में वॉल्व ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले प्रकाश को भी जिला आयुक्त ने निलंबित कर दिया था.

इसके अलावा नगर आयुक्त श्रीनिवास को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. संविदा कर्मचारी निरागंती सुरेश को नौकरी से बर्खास्त कर आदेश जारी कर दिया गया है. नगर निगम के जलापूर्ति सहायक सीएच प्रकाशबाबू को निलंबित कर गुरुवार को आदेश दिया गया. मामले में एक संविदा कर्मचारी समेत कुल पांच लोगों को निलंबित कर दिया गया है.

यहां के लोगों ने दावा किया कि अधिकारी जातिवाद की पृष्ठभूमि में शरारती तत्वों द्वारा साजिश रचने के पहलू की जांच नहीं कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि मामले से संबंधित रिपोर्ट के निष्कर्ष विरोधाभासी हैं. फिलहाल मोहल्ले में पानी के टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है. हालांकि, अधिकारियों ने गड़बड़ी की थ्योरी को खारिज कर दिया है.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 4, 2023, 7:34 PM IST

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