बेंगलुरु : कर्नाटक हाईकोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPS) के तहत बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे 23 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया है. 17 वर्षीय पीड़िता ने 18 साल की उम्र होने पर आरोपी से शादी कर ली और दंपति का एक बच्चा भी हुआ, जबकि मामला सत्र न्यायालय में लंबित था.
हाई कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष इन परिस्थितियों में याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध को शायद ही साबित कर सकता है. अभियोजन पक्ष के विरोध को नजरअंदाज करते हुए अदालत ने कहा कि पक्षों के समझौते पर पहुंचने के कारण कार्यवाही को समाप्त करना उचित है. जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने कहा, "इन तथ्यों पर गौर किया गया कि आरोपी और पीड़ित अब विवाहित हैं और बच्चे का पालन पोषण कर रहे हैं. इससे यह स्पष्ट है कि अगर अदालत विवाहित जोड़े के लिए अपने दरवाजे बंद कर देती है तो पूरी कार्यवाही का परिणाम न्याय की विफलता होगा."