कांगड़ा:हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बुधवार को राम नवमी के दिन कटोच वंश के 489वें राजा का राज्याभिषेक हुआ. पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी के बेटे ऐश्वर्य चंद कटोच का राज्याभिषेक कांगड़ा के ऐतिहासिक किले में हुआ. जहां ढोल नगाड़ों के बीच विधिवत रूप से मंत्रो के बीच नए राजा का राजतिलक हुआ. इस समारोह में हिमाचल और राजस्थान के राज घरानों से जुड़े लोगों ने शिरकत की. राजशाही के खत्म हुए भले जमाना बीत गया हो लेकिन कांगड़ा के किले में जो राजसी ठाठ-बाट नजर आए उससे लगा मानों रियासत काल वापस लौट आया हो.
कांगड़ा किले में 400 साल बाद हुआ राज्याभिषेक-दरअसल राज्यभिषेक का ये मौका इसलिये भी खास था क्योंकि करीब 400 साल बाद कांगड़ा किले में किसी कटोच राजा का राज्याभिषेक हो रहा था. कांगड़ा किले में कटोच वंश की कुलदेवी माता अंबिका का आशीर्वाद लेकर राज्याभिषेक की सभी औपचारिकताओं को पूरा किया गया. ऐश्वर्य चंद कटोच ने बताया कि "कटोच वंश के राजा हरिचंद द्वितीय का राजतिलक 1614 में यहां हुआ था. उसके बाद 1620 में मुगलों के साथ युद्ध के बाद कांगड़ा किला हार गए. जिसके बाद कटोच वंश अपनी राजधानी बदलता रहा और राज्याभिषेक की रस्में अलग-अलग जगह निभाई जाती रहीं, ये करीब 400 साल बाद ऐसा मौका आया है जब उनका राजतिलक इस किले में हुआ है".
"ये राजशाही दिखाने का नहीं, परंपरा निभाने का मौका है"-ऐश्वर्य चंद कटोच ने बताया कि ये राज्याभिषेक राजसी ठाठ-बाट या राजशाही का दबदबा दिखाने का मौका नहीं है. बल्कि ये हमारी परंपरा है जिसे हम निभाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि "हम लोकतंत्र की इज्जत करते हैं, हम अपने स्तर पर लोगों की मदद और सेवा करते हैं. अगर कोई पार्टी हमें जनप्रतिनिधि बनने का मौका देती है तो उसके लिए भी तैयार हैं. लेकिन हम अपनी परंपरा को निभाते रहेंगे. इस तरह के कार्यक्रम हमारी सांस्कृतिक धरोहर है जिसे जिंदा रखना जरूरी है."
2 अप्रैल को स्थानीय लोगों के लिए धाम का आयोजन: नए राजा को गद्दी पर आसीन करने का यह सारा कार्यक्रम पहाड़ों के अभेद दुर्ग माने जाने वाले कांगड़ा किले में हुआ. इस कार्यक्रम में कटोच पुरुष संतरी रंग की पगड़ी और महिलाएं संतरी रंग के दुपट्टे ओढ़कर शामिल हुईं. दोपहर करीब 12 बजे से एक बजे तक कांगड़ा किले में बीजापुर के ठाकुर उदय चंद कटोच द्वारा तिलक किया गया. उसके बाद त्रिगर्त दरबार में नजराना पेश किया गया. इसके बाद कटोच बिरादरी ने नए महाराज को तिलक किया. राजमाता चंद्रेश कुमारी ने नए महाराजा ऐश्वर्य चंद कटोच के राजतिलक के उपलक्ष्य में 2 अप्रैल को राजमहल लंबागांव में स्थानीय जनता के लिए कांगड़ी धाम का आयोजन भी किया जाएगा.