अमरावती : आंध्र प्रदेश के कडपा जिले के रहने वाले चलपथी ने कभी स्कूल में कदम तक नहीं रखा है, और न ही वह शब्दों को ठीक से उच्चारण करने में सक्षम हैं. लेकिन उन्होंने अपने गांव के दूसरे बच्चों को अपने जैसा नहीं बनने दिया.
दरअसल, कडपा जिले के तुमककोंडा गांव के बच्चों को नजदीकी स्कूल जाने के लिए तीन किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है. यह सड़क जंगल से सटे नहर से होकर जाती है. विशेष रूप से, जब उस क्षेत्र में बारिश होती है, तो नहर में पानी का स्तर लगभग किसी व्यक्ति की गर्दन की गहराई तक होता है.
इस वजह से बच्चों का अपने स्कूलों में जाना मुश्किल हो जाता है. बरसात के मौसम में, यह नहर पानी के साथ बह जाती थी, जिसके कारण छात्रों का स्कूल जाना भी मुश्किल हो जाता था. उन्हें इस मौसम में अपनी पढ़ाई रोकनी पड़ती थी. जिस कारण, बच्चों का शैक्षणिक वर्ष बिना स्कूल जाए ही बीत जाता थी. नहर पार करते समय इन बच्चों के कपड़े और जूते भी हर दिन गीले हो जाते थे.
बच्चों की इस समस्या को देख कर चलापथी से रहा नहीं गया. उन्होंने निर्णय लिया कि कोई समाधान खोजा जाना चाहिए, ताकि बच्चों को इस परेशानी के कारण अपनी पढ़ाई से पीछे न हटना पड़े. वो चाहते हैं कि गांव के सभी बच्चे, जीवन में अधिक से अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचें.
इसके लिए उन्होंने उक्त नहर पर एक पुल का निर्माण कराया, ताकि बच्चों के लिए निर्बाध रूप से स्कूली शिक्षा जारी रखना आसान हो जाए.