नई दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित (CJI Uday Umesh Lalit) ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत गुप्ता संस्था (न्यायपालिका) के लिए हमेशा एक बेहतरीन प्रतिभा रहे हैं. न्यायमूर्ति गुप्ता 16 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि न्यायमूर्ति गुप्ता को जो भी काम सौंपा गया उसके निर्धारण के लिए हमेशा अपनी क्षमता के अनुरूप काम किया तथा भरपूर योगदान की कोशिश की.
न्यायमूर्ति गुप्ता अपने अंतिम कार्यदिवस को रस्मी तौर पर सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ का हिस्सा थे. सीजेआई ने कहा, 'वह हमेशा संस्था के लिए एक बेहतरीन प्रतिभा रहे हैं और हम उनके अच्छे स्वास्थ्य, बेहतर भविष्य और उन सभी चीजों की कामना करते हैं जिसके वे (न्यायमूर्ति गुप्ता) हकदार हैं.' इस अवसर पर न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि शीर्ष अदालत में रहना 'व्यक्तिगत रूप से समृद्ध अनुभव' था और उन्हें हमेशा सभी वकीलों से सहायता मिली. उन्हें दो नवंबर, 2018 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.
न्यायमूर्ति गुप्ता ने अदालत में मौजूद अधिवक्ताओं से कहा, 'व्यक्तिगत रूप से बोल रहा हूं, मैंने लगभग 20 वर्षों की अपनी पारी का भरपूर आनंद लिया. प्रत्येक दिन मेरे लिए सीखने वाला था और आप सभी ने सीखने की प्रक्रिया में मेरी मदद की है. बहुत-बहुत धन्यवाद.' अधिवक्ता न्यायमूर्ति गुप्ता को उनके अंतिम कार्यदिवस पर विदाई देने के लिए अदालत कक्ष में मौजूद थे.
न्यायमूर्ति गुप्ता के सेवानिवृत्त होने से शीर्ष अदालत में सेवारत न्यायाधीशों की संख्या घटकर 28 हो जाएगी, जबकि सीजेआई सहित न्यायाधीशों के 34 पद स्वीकृत हैं. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, न्यायमूर्ति गुप्ता ने कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में फैसले सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए.