दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Yasin Malik Sentence : दिल्ली से लेकर कश्मीर और पाकिस्तान तक गहमा-गहमी - शाहिद अफ्रीदी यासीन मलिक

आखिरकार टेटर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक को सजा सुना दी गई. एनआईए कोर्ट ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई. उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. इस खबर को लेकर जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली और पाकिस्तान तक हलचल देखी गई. इन जगहों पर आज दिन भर इस केस को लेकर क्या कुछ हुआ, संक्षेप में एक नजर डालें.

design photo
डिजाइन फोटो

By

Published : May 25, 2022, 9:14 PM IST

नई दिल्ली : जेकेएलएफ नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सुजा सुनाई गई. 19 मई को कोर्ट ने मलिक को दोषी ठहराया था. अभी जिस मामले में उसे सजा सुनाई गई है, उसे एनआईए ने 2017 में दर्ज की थी. 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट दाखिल की गई थी. क्या कुछ हुआ दिन भर, एक नजर.

--आज सवेरे से ही यासीन मलिक को लेकर अलग-अलग जगहों पर तनाव बरकरार रहा.

-- दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर में कहीं विरोध प्रदर्शन, तो कहीं समर्थन में नारे लगते रहे.

-- स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए सुरक्षाबल लगातार ड्रोन से नजर रख रहे हैं.

-- यासीन मलिक का घर मैसूमा है. यहीं पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा.

यासीन मलिक को उम्रकैद, दिन भर रही गहमा-गहमी

-- देर शाम यासीन मलिक के घर पर समर्थकों ने खूब हंगामा किया. उन्होंने वहां पर मौजूद सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया. अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने मैसूमा चौक की तरफ बढ़ने का प्रयास किया और सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हो गयी. कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके. बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े.

-- इससे ठीक उलट जम्मू के कुछ इलाकों में लोगों ने खुशियां मनाईं. उन्होंने मलिक को दोषी ठहराए जाने को सही बताया. जम्मू के रानी पार्क में डोगरा फ्रंट और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर में जश्न मनाया. इस दौरान कार्यकर्ता बैंड बाजा के साथ नारेबाजी कर रहे थे. साथ ही यासीन मलिक के पोस्टर लिए हुए थे जिस पर क्रास का निशान लगा था. कार्यकर्ताओं ने यासीन मलिक के पोस्टर को भी जलाया और आतिशबाजी की. वहीं कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि यासीन मलिक को सजा मिलने से आतंक करने के मंसूबों पर पानी फिर जाएगा, जिससे वे सिर नहीं उठा सकेंगे.

-- दिल्ली में भी सुबह से कोर्ट परिसर में गहमा-गहमी बरकरार थी. मीडिया वालों का तांता लगा हुआ रहा.

-- शाम चार बजे फैसला सुनाया जाना था. लेकिन फैसला 6.15 पर सुनाया गया. कोर्ट परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई थी. डॉग स्कॉयड टीम मौजूद थी. सादे कपड़ों में भी पुलिस की टीम मौजूद रही.

-- श्रीनगर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. पथराव के बाद शहर बंद है. अधिकारियों ने कहा कि कहा कि घाटी में सभी नेटवर्क सेवा प्रदाताओं की मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. उनके अनुसार फाइबर और ब्रॉडबैंड समेत फिक्स्ड लाइन पर इंटरनेट सेवाएं चालू हैं.

-- गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने कहा कि कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली की अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे शांति के प्रयासों को “धक्का” लगा है.

-- दिन में पाकिस्तान के कुछ नेताओं और क्रिकेटर शाहिद अफ्रीदी ने यासीन मलिक के पक्ष में ट्वीट किया.

यासीन मलिक का सफरनामा

-- एनआईए अदालत द्वारा बुधवार को उम्र कैद की सजा पाने वाला 56 वर्षीय यासीन मलिक 1990 के दौर में आतंकवाद की शुरुआत के पहले अपने छात्र जीवन के समय से ही जेल आता-जाता रहा.

-- अपनी रिहाई के बाद वर्ष 1994 में हिंसा का रास्ता छोड़कर राजनीति में आने वाले मलिक ने गांधीवादी तरीके से विरोध करने की घोषणा की थी और उसे अलगाववादी खेमे में एक उदारवादी आवाज के तौर पर देखा जाता था. एक पाकिस्तानी कलाकार से शादी करने वाले मलिक की 10 साल की बेटी भी है.

-- एनआईए ने मलिक को 2019 की शुरुआत में 2017 में दर्ज आतंक के वित्तपोषण संबंधी मामले में गिरफ्तार किया था.

-- मलिक का जन्म श्रीनगर स्थित मैसूमा इलाके में तीन अप्रैल 1966 को हुआ था. मलिक वर्ष 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण मामले में भी सुनवाई का सामना कर रहा है.

-- वर्ष 1990 में जेकेएलएफ आतंकवादियों द्वारा श्रीनगर में वायुसेना कर्मियों पर हमले का मामला भी चल रहा है. इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे.

-- मलिक ने ताला पार्टी का गठन करने के बाद 1980 के दशक में बहुत कम उम्र में ही राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों की शुरुआत की. यह पार्टी श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच 1983 के क्रिकेट मैच को बाधित करने के प्रयास में शामिल थी.

-- पार्टी ने 11 फरवरी 1984 को तिहाड़ जेल में जेकेएलएफ संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट को फांसी देने के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था.

-- यासीन मलिक का 1966 में श्रीनगर के मैसुमा में जन्म.

-- 1980 में ताला पार्टी बनाई. देश विरोधी मुहिम चलाने का आरोप.

-- मलिक ने 1994 में हिंसा छोड़ने की घोषणा की. उसके बाद उसने कश्मीर संघर्ष को शांति के रास्ते हल करने की वकालत की.

यासीन मलिक का सफर

-- मई 2022 में मलिक ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. उसे यूएपीए की अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया.

ये भी पढे़ं :यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा, ₹10 लाख का जुर्माना

ABOUT THE AUTHOR

...view details