पटना:जीतन राम मांझी खुले मंच से कई बार सीएम नीतीश कुमार की तारीफ कर चुके हैं. कई मुद्दों पर सीएम नीतीश के साथ रहे हैं तो कई बार अपनी अलग विचारधारा से भी अवगत कराया है. इन तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद सीएम नीतीश और जीतन राम मांझी के बीच अच्छे और गहरे संबंध हैं. यही कारण है कि बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान मांझी ने नीतीश को नोबेल पुरस्कार देने की मांग तक कर दी है.
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बोले मांझी- 'सीएम नीतीश को मिले नोबेल पुरस्कार': बिहार विधानसभा में विनियोग विधेयक पर चर्चा हुई. पक्ष विपक्ष के सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया. चर्चा के बाद सरकार का उत्तर भी हुआ. चर्चा में जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा नीतीश कुमार, बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह के बाद सबसे ज्यादा काम करने वाले मुख्यमंत्री हैं. हर वर्ग के लोगों के लिए काम किया है. जीविका, जल जीवन हरियाली सात निश्चय योजना हो या अन्य योजनाओं से बिहार का विकास किया है. जीतन राम मांझी ने कहा कि विकास के मामले में नीतीश कुमार ने मानदंड काम किया है.
"हम भी मांग करते हैं कि नीतीश कुमार को नोबेल प्राइज मिलना चाहिए. कुछ सदस्यों ने भी मांग की है तो हम भी चाहते हैं कि नोबेल प्राइज नीतीश कुमार को मिले. बिहार एक बीमारू राज्य था लेकिन बिहार को उन्होंने उससे बाहर निकाला है. हम कुछ सुझाव भी देना चाहते हैं. शायद मुख्यमंत्री का ध्यान उस तरफ नहीं गया है यदि उस पर ध्यान दिया जाएगा तो बिहार का यह काल स्वर्णिम काल के रूप में जाना जाएगा." - जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार
आरक्षण आयुक्त की बहाली की मांग: उन्होंने कहा कि शेड्यूल कास्ट, शेड्यूल ट्राइब के लिए आरक्षण की व्यवस्था है लेकिन जिस प्रकार से प्राइवेटाइजेशन हो रहा है. उसके कारण आरक्षण समाप्त हो रहा है. बाबा भीमराव अंबेडकर ने जो आरक्षण दिया था वह आरक्षण अपने आप समाप्त हो रहा है. जीतन मांझी ने कहा कि पहले आरक्षण आयुक्त की नियुक्ति हुआ करता था जो देखते थे कि कितना आरक्षण है, लेकिन पिछले 20 वर्षों से इसे समाप्त कर दिया गया है. हम सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि आरक्षण आयुक्त की बहाली फिर से की जानी चाहिए. जीतन राम मांझी ने छात्राओं को पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई मुफ्त में कराने की मांग भी की. जीतन राम मांझी ने विकास मित्र को ₹25000 शिक्षामित्र और तालिमी मरकज को 20,000 देने की मांग भी की.
पहले भी कई बार उठ चुकी है मांग:जीतन राम मांझी ने विनियोग विधेयक चर्चा के दौरान कहा कि नीतीश कुमार को नोबेल प्राइज दिया जाना चाहिए. एससी एसटी आरक्षण को लेकर माझी ने चिंता जताते हुए कहा जिस प्रकार से प्राइवेटाइजेशन हो रहा है, आरक्षण समाप्त करने की साजिश हो रही है. ऐसा नहीं है कि सीएम नीतीश को नोबेल पुरस्कार देने की मांग पहली बार उठी है. इससे पहले विधान परिषद में मंत्री संजय झा ने यही मांग की थी.
नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार देने की मांग कई बार उठाई गई है. कुछ दिनों पहले जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने भी नीतीश के लिए आवाज बुलंद की थी. उन्होंने कहा था कि पर्यावरण की बेहतरी के लिए नीतीश ने जितना काम किया है किसी ने नहीं किया,उन्हें नोबेल पुरस्कार देना चाहिए. वहीं अब जीतन राम मांझी ने नीतीश के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग उठाई है. जीतन राम मांझी ने कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार ने बहुत काम किया है. समाज का उत्थान, खासकर महिलाओं के लिए काफी काम किया है. उन्हें नोबेल पुरस्कार देना चाहिए.
क्या होता है नोबेल प्राइज: नोबेल प्राइज उनको दिया जाता है जिन्होंने अपने जीवन काल में समाज (मानव जाति) के भलाई के लिए काम किया हो. यह पुरस्कार साहित्य, शांति, अर्थशास्त्र, भौतिकी, रसायन और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रदान किया जाता है. स्वीडन के साइंटिस्ट अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की याद में ये नोबेल प्राइज नोबेल फाउंडेशन की तरफ से दिया जाता है.