दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

बिहार में जातिगत सर्वे का फायदा उठाने की तैयारी में BJP, 'झलकारी बाई' को हथियार बना दलित वोटरों को साधेंगे नड्डा..!

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा प्लान तैयार कर रही है. बिहार में दलित वोटर को एक करने के लिए BJP झलकारी बाई को एंट्री कराने जा रही है. 25 नवंबर को बिहार में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जेपी नड्डा दलित वोटर को अपने पाले में करने की कोशिश करेंगे. पढ़े पूरी खबर.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 1, 2023, 9:18 PM IST

बिहार में झलकारी बाई पर राजनीति

पटनाः बिहार सरकार द्वारा जातिगत सर्वे का फायदा उठाने के लिए भाजपा तैयारी में जुट गई है. रिपोर्ट के मुताबिक 63 प्रतिशत दलित वोटर को साधने के लिए भाजपा इस बार झलकारी बाई की एंट्री कर रही है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को देखते हुए 25 नवंबर को बिहार में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हो सकते हैं. कार्यक्रम के बहाने भाजपा दलित वोटर को अपने पक्ष में करेगी.

जातिगत जनगणना फायदाः जातिगत जनगणना को महागठबंधन नेता बड़ी सफलता मान रहे हैं. इसका फायदा भाजपा को भी हो रहा है. महागठबंधन की रणनीति से निपटने के लिए भाजपा ने भी एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. आमतौर पर बिहार में महापुरुषों को जाति की राजनीति का जरिया बनाया जाता है. इस बार भाजपा भी झलकारी बाई की जयंती मना रही है. झलकारी बाई से दलित वोटर को अपने तरफ करने का प्लान है.

"25 नवंबर को बड़ा कार्यक्रम हो रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं. इतिहास में झलकारी बाई को जगह नहीं मिली थी. इस वजह से भाजपा ने उन्हें इतिहास में जगह दिलाने के लिए मुहिम शुरू की है."-प्रवीण दास तांती, प्रभारी, अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा

ईटीवी भारत GFX

बिहार में 63% दलित वोटरः लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, अगल दलित वोटर किसी एक पार्टी को समर्थन करती है तो, उस पार्टी की जीत पक्की है, क्योंकि बिहार में दलित वोटरों का आंकड़ा 63% है. जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.3 प्रतिशत अति पिछड़ा वर्ग 36.01% है. इसी कारण भाजपा ने झलकारी बाई को अपना हथियार बना रही है.

"हम सब का साथ सबका विकास की बात करते हैं. जिस वर्ग से झलकारी बाई आती है, उस वर्ग का भी हम सम्मान करते हैं."-जोगेंद्र पासवान, प्रवक्ता, भाजपा

इतिहासकारों ने झलकारी बाई को भुलायाः भाजपा नेता और अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के महामंत्री ने कहा कि इतिहासकार झलकारी बाई को भुला दिया. उनके बारे में कोई चर्चा नहीं की गई, जिन्होंने रानी लक्ष्मी बाई के साथ मिलकर अंग्रेजों के दांत खट्टे किए थे. हालांकि जब जयंती और पूण्यतिथि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जबाव नहीं दिया. हैरानी की बात है जिसके बहाने दलित वोटर को साधने की तैयारी है, उसके बारे में नेता को पता ही नहीं है.

"वीरांगना झलकारी बाई को इतिहासकारों ने भुला दिया है. उन्होंने 1857 की लड़ाई में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे. हमलोग वोटर को साधने की नहीं उनके सम्मान में कार्यक्रम कर रहे हैं. भाजपा लोगों के सम्मान की राजनीति करती है."-संजय दास, मोर्चा के महामंत्री

ईटीवी भारत GFX

झलकारी बाई कौन थी ? 1830 में उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में झलकारी बाई का जन्म हुआ था. रानी लक्ष्मीबाई के दुर्गा दल में झलकारी बाई सेनापति थी. 1857 की लड़ाई में झलकारी बाई ने वीरता पूर्वक अंग्रेजों से लोहा लिया और उनके दांत खट्टे कर दिए. सबसे हैरान करने वाली बात है कि झलकारी बाई और रानी लक्ष्मीबाई हमशक्ल थी. इस वजह से वे लक्ष्मीबाई के बदले भी युद्ध करती थी. झलकारी बाई कोल जाति से आती थी, जो दलित समुदाय का हिस्सा है. शायद यही वजह है कि भाजपा दलित को साधने में जुट गई है.

"झलकारी बाई को बिहार में कोई नहीं जानता था, लेकिन अब भाजपा के लोग जयंती मनाने जा रहे हैं. जयंती के जरिए वोट बैंक की सियासत होगी. लोकसभा चुनाव है, इस वजह से वीर सपूतों की प्रासंगिकता बढ़ जाती है. इससे पहले झलकारी बाई को कोई नहीं जानता था. भाजपा पिछड़ा अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी."-रवि उपाध्याय, राजनीतिक विश्लेषक

झलकारी बाई पर फिल्म भी बनीःटीवी स्‍टार अंकिता लोखंडे को आने वाली फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' में एक अहम रोल मिला है. वो इस फिल्म में झलकारी बाई की भूमिका में नजर आई थी. झलकारी बाई, रानी लक्ष्मी बाई की सेना में एक महत्वपूर्ण योद्धा थीं. झलकारी बाई की पांचवी पीढ़ी अभी भी यूपी के झांसी में है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details