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जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने रिजॉल्यूशन प्लान के खिलाफ NCLAT में दायर की याचिका

वित्तीय मुश्किलों के कारण दो वर्ष पहले उड़ानें बंद करने वाली जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने कार्लरॉक-जालान के रिजॉल्यूशन प्लान के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में याचिका दायर की.

जेट एयरवेज
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Published : Aug 19, 2021, 9:08 PM IST

नई दिल्ली : जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने कार्लरॉक-जालान के रिजॉल्यूशन प्लान के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में याचिका दायर की है. कर्मचारियों ने याचिका में कलरॉक-जालान के रिज़ॉल्यूशन प्लान को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मंजूरी को रद्द करने की मांग की है. कर्मचारियों ने याचिका में बकाया वेतन जैसे मुद्दों पर भी चिंता जताई है.

एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने 22 जून को कार्लरॉक-जालान के रिजॉल्यूशन प्लान को स्वीकृति दी थी. इसके खिलाफ दो यूनियनों (भारतीय कामगार सेना (बीकेएस) और जेट एयरवेज केबिन क्रू एसोसिएशन) ने एनसीएलएटी के याचिका दायर की है.

इस बीच, पूर्व कर्मचारियों और कामगारों के लिए संघ के प्रस्ताव के लिए मतदान के नतीजे आज घोषित किए गए. उनमें से केवल 35.1 प्रतिशत ने योजना को मंजूरी दी, जबकि 3.2 ने इसे अस्वीकार कर दिया और 61.6 प्रतिशत ने मतदान से परहेज किया.

कंसोर्टियम ने कहा कि चूंकि, केवल 35.1% योग्य मतदाताओं ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है और उनमें से अधिकांश (61.6%) ने मतदान से परहेज किया है, इसलिए कंसोर्टियम का प्रस्ताव लैप्स्ट हो गया है.

क्या है प्रस्ताव
कलरॉक-जालान द्वारा प्रस्तावित योजना के अनुसार, कर्मचारियों और कामगारों को क्रमशः 11,000 रुपये और 22,800 रुपये तक का भुगतान किया जाएगा और प्रत्येक कर्मचारियों को लॉटरी के आधार पर एक फोन, लैपटॉप या आईपैड और 10,000 रुपये के टिकट वाउचर दिए जाएंगे. कंसोर्टियम ने लेनदारों को चुकाने और कैरियर में 89.79% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पहले दो वर्षों में 600 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव रखा है.

बताते चलें कि जेट एयरवेज की शुरुआत 1992 में हुई थी और उस दौरान इसके कम से कम 22,000 कर्मचारी थे. एयरलाइन अपने पिछले प्रमोटर नरेश गोयल के दिवालिया होने के कारण अप्रैल 2019 से बंद है. करीब 3,500 कर्मचारी ऐसे थे जो दो साल पहले जेट एयरवेज के बंद होने के बाद भी बने हुए थे.

जेट एयरवेज दिवाला समाधान प्रक्रिया का संक्षिप्त घटनाक्रम इस तरह है
17 अप्रैल, 2019 - नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने परिचालन बंद किया.
20 जून, 2019 - एसबीआई के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं के संघ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में दिवाला याचिका दायर की.
13 मार्च, 2020 - जेट एयरवेज किसी भी बोलीदाता को आकर्षित करने में विफल रही तथा एनसीएलटी से समाधान प्रक्रिया के लिए कुछ और समय मांगा.
18 मार्च, 2020 - एनसीएलटी ने समाधान प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त समय की मंजूरी दी.
14 जून, 2020 - एनसीएलटी ने जेट एयरवेज पर बकाये के दावों के निपटान, विदेशी कर्ज चुकाने के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी)-मुंबई में उसके परिसर को बेचने की अनुमति दी.
17 अक्टूबर, 2020 - लेनदारों की समिति (सीओसी) ने जालान कलरॉक गठजोड़ की समाधान योजना को मंजूरी दी.
25 फरवरी, 2021 - एनसीएलटी ने विमानन नियामक डीजीसीए को स्लॉट के लिए एयरलाइन के अनुरोध का जवाब देने के लिए और समय दिया.
9 मार्च, 2021 - डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एनसीएलटी को सौंपे हलफनामे में स्लॉट पर कोई आश्वासन देने से इनकार किया.
3 जून, 2021 - मंत्रालय ने एनसीएलटी को बताया कि जेट एयरवेज को ऐतिहासिक वरीयता के आधार पर स्लॉट नहीं दिया जा सकता.

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22 जून, 2021 - एनसीएलटी ने जालान कलरॉक गठजोड़

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