नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को पार्टी के साथ आने का खुला न्योता दिया है. हालांकि, जयंत चौधरी ने भाजपा के इस न्यौते को यह कहकर सीधे-सीधे ठुकरा दिया कि मैं कोई चवन्नी नहीं जो पलट जाऊंगा. साथ ही उन्होंने नसीहत भी दे डाली कि भाजपा न्योता उन सात सौ किसानों को दो, जिनके घर उजाड़ा.
दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आरएलडी की भूमिका (Role of RLD in UP Assembly Elections) अहम हो गई है. जयंत चौधरी को लेकर भाजपा की बेचैनी साफ-साफ झलक रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोटों पर साधने की कोशिश की है. उन्होंने कल इलाके के जाट नेताओं से बैठक की. इसके बाद भाजपा के जाट नेताओं ने बाहर आकर मीडिया से बातचीत की और जयंत चौधरी को बीजेपी के साथ आने का खुला न्यौता दे दिया.
जयंत चौधरी ने कहा कि भाजपा मुझे ऑफर दे रही (BJP offer to Jayant Choudhary) है, लेकिन जब लखीमपुर में किसानों को रौंदा गया तो यह लोग कहां गए थे. आज यह लोग मुझसे उम्मीद कर रहे हैं. मैं कोई चवन्नी नहीं हूं, जो पलट जाऊंगा. यह हमारे मान सम्मान की बात है. हमें सतर्क रहना होगा. उन्होंने कहा कि हमारा समीकरण एक या दो जाति पर आधारित नहीं है. 36 जाति के लोग खेती करते हैं. आपको न्योता देना है तो मारे गए 700 किसानों के परिवार को दें.
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बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय की भूमिका अहम होती है और वह परिणामों को प्रभावित करने की ताकत रखता है. इस क्षेत्र में रालोद का खासा प्रभाव है. जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं, जबकि उनके पिता दिवंगत अजीत सिंह भी केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं. इस बार के चुनाव में रालोद ने सपा से गठबंधन किया है.