नई दिल्ली :जंतर-मंतर पर हुई आपत्तिजनक नारेबाजी के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि आधा दर्जन आरोपियों ने व्हाट्सएप एवं फेसबुक पर ग्रुप बना रखे थे. इसके जरिये जंतर-मंतर कार्यक्रम का प्रचार किया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ वहां पर पहुंचे. नारेबाजी करने वाला मुख्य आरोपी उत्तम उपाध्याय है. यह जानकारी आरोप पत्र में कनॉट प्लेस पुलिस द्वारा दी गई है. इस मामले में सात आरोपी जमानत पर हैं, जबकि दो आरोपी जेल में हैं. इस मामले में कुल 18 गवाह बनाये गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने बीते आठ अगस्त को जंतर-मंतर पर हुई नारेबाजी में नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. इसमें बताया गया है कि आरोपियों ने कार्यक्रम से पूर्व 11 जुलाई को कनॉट प्लेस स्थित आर्य समाज मंदिर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें अश्वनी उपाध्याय और प्रीत सिंह मुख्य आयोजक थे. उन्होंने 30 जुलाई और चार अगस्त को आठ अगस्त को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी. लेकिन पुलिस ने कार्यक्रम के लिए मना कर दिया था. इसके बावजूद आरोपियों ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप एवं फेसबुक पेज के जरिये इस कार्यक्रम का प्रचार किया.
इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग सुबह नौ बजे से पार्क होटल के पास एकत्रित होने लगे थे. दस बजे तक वहां बड़ी संख्या लोग एकत्रित हो चुके थे. अधिकांश ने न तो मास्क लगा रखा था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे. आरोप पत्र में बताया गया है कि पुलिस ने अनाउंसमेंट कर लोगों को कोविड नियमों का पालन करने के लिए कहा लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं थे. स्टेज से अश्विनी उपाध्याय, प्रीत सिंह एवं अन्य आयोजकों ने लोगों से कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा फेसबुक पर कार्यक्रम को लाइव करें, ताकि उनका संदेश लोगों तक पहुंच सके. कुछ देर बाद वहां पर एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी होने लगी. वहां मौजूद चैनल ने इस नारेबाजी को अपने कैमरे में कैद किया. ऐसे पत्रकारों को भी आरोप पत्र में गवाह बनाया गया है.
आरोप पत्र में बताया गया है कि भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी 12वीं कक्षा तक पढ़ा है. उसने पुलिस पूछताछ के दौरान बताया है कि यति नरसिंहानंद को वह 15 साल से जानता है. अश्वनी को चार साल से, प्रीत सिंह को तीन महीने से, दीपक सिंह को चार साल से, विनोद को तीन साल से, दीपक कुमार को चार साल से और उत्तम उपाध्याय को दो महीने से जानता है. वहीं विनीत और सुशील को वह नहीं जानता. उसने पुलिस को यह भी बताया कि वह 100 से 125 लोगों को लेकर जंतर-मंतर पर पहुंचा था. सुशील तिवारी ने पुलिस को बताया है कि वह हिंदू संगठन के कई व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा हुआ है. उसे सोशल मीडिया से पता चला था कि अश्वनी और प्रीत सिंह जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम कर रहे हैं. इस कार्यक्रम के लिए सात अगस्त को वह लखनऊ से चला था और आठ अगस्त को इस कार्यक्रम में शामिल हुआ था.
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उत्तम ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि वह हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएट है. वह स्टेशनरी की दुकान चलाता है और बीते सात साल से बजरंग दल से जुड़ा हुआ है. उसने खुलासा किया है कि वीडियो में वह नारे लगा रहा है. लेकिन उसके साथ जो नारेबाजी कर रहे हैं उन लोगों को वह नहीं जानता है. पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन जंतर-मंतर पर साबित करने के लिए उनकी मोबाइल डिटेल भी आरोप पत्र में लगाई है. इसके अलावा न्यूज़ चैनल के दस्तावेज भी लागये गए हैं जिसमें इस वीडियो की सत्यता को प्रमाणित किया गया है.
इस मामले में कौन-कौन हैं आरोपीः-
आरोपी नंबर एक-अश्वनी उपाध्याय
गिरफ्तारी 10 अगस्त 2021
जमानत 11 अगस्त 2021
संगठन- यूनाइट इंडिया मूवमेंट
पेशा- सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता
आरोपी नंबर दो-प्रीत सिंह
गिरफ्तारी 10 अगस्त 2021
जमानत 24 सितंबर 2021
संगठन- सेव इंडिया फाउंडेशन
आरोपी नंबर तीन- दीपक सिंह
गिरफ्तारी 10 अगस्त 2021
जमानत 30 सितंबर 2021
संगठन- हिन्दू फ़ोर्स
पेशा- ग्राफ़िक डिजाइनर
व्हाट्सएप ग्रुप- हिन्दू फ़ोर्स
आरोपी नंबर चार- विनोद शर्मा
गिरफ्तारी 10 अगस्त 2021
जमानत 28 सितंबर 2021
संगठन- सुदर्शन वाहिनी
पेशा- प्रॉपर्टी डीलर
व्हाट्सएप ग्रुप- सुदर्शन वाहिनी