नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) का कहना है कि पंजाब-पाकिस्तान सीमा के कई जगहों पर इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (International Sikh Youth Federation) कैडरों की भर्तियां कर रहा है. एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर सहित पंजाब के कई जिले आईएसवाईएफ के निशाने पर हैं.
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि पंजाब, पाकिस्तान के साथ लगभग 553 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है. अक्सर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन इन सीमावर्ती जिलों से भारत में हथियारों और गोला-बारूद के साथ-साथ ड्रग्स की आपूर्ति करते हैं. पाकिस्तान स्थित कई आतंकवादी संगठन देश भर में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने व ISYF के सदस्यों की मदद से भारत में हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति करते हैं.
अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने हाल ही में सीमा पार से हथियारों, गोला-बारूद, विस्फोटक और नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल होने के आरोप में ISYF के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने कहा कि वे (आतंकवादी संगठन) भारत में हथियारों, गोला-बारूद और ड्रग्स की खेप की आपूर्ति के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं. सिख फॉर जस्टिस की तरह ISYF भी पंजाब को खालिस्तान के रूप में भारत से अलग करने का समर्थन करता है. इस संगठन का नेतृत्व वर्तमान में लखबीर सिंह रोड़े कर रहा है, जो एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है.
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि लखबीर विदेशों में खालिस्तान समर्थकों के बीच बड़ी धन उगाही करने वाला है. वास्तव में रोडे उन 20 मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में शामिल हैं, जिनके 2001 के संसद हमले में शामिल होने को लेकर भारत ने पाकिस्तान से प्रत्यर्पण की मांग की है. हालांकि ISYF मुख्य रूप से पाकिस्तान से संचालित होता है लेकिन यह पंजाब में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहा है.
NIA अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में ISYF समर्थन आधार यूके, उत्तरी अमेरिका, कनाडा और अन्य पश्चिमी यूरोपीय देशों में फैला हुआ है. आईएसवाईएफ की अधिक जानकारी देते हुए एनआईए के अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने लंबे समय से इस संगठन का समर्थन किया है. अधिकारी ने कहा कि आईएसआई खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकवादी समूहों के बीच एक साझा मोर्चा बनाना चाहता है.
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इस मुद्दे पर बात करते हुए प्रसिद्ध सुरक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीके खन्ना ने इसे बहुत गंभीर बताया. ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि सरकार के साथ-साथ राज्य और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को देश की सुरक्षा के खिलाफ किसी भी तरह की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद तभी पनप सकता है जब उन्हें जनता का समर्थन मिले. खन्ना ने कहा कि हमने देखा है कि पंजाब में पहले क्या हुआ है. अगर हम इसे ध्यान में रखते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि पंजाब में लोग अब आतंकवाद का समर्थन करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 50 किलोमीटर तक के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने का सरकार का फैसला सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवाद को पनपने से रोकने में सुरक्षा बलों के लिए अतिरिक्त लाभ होगा.