दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Watch Video: चंद्रमा के सफर पर श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से रवाना हुआ इसरो का चंद्रयान-3 - Sriharikota Space Center

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शुक्रवार को चंद्रयान-3 को लॉन्च कर दिया है. इस चंद्रयान को एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया है. इस रॉकेट को फैट बॉय भी कहा जाता है. यह सैटेलाइट करीब 45 दिनों बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैडिंग करेगा.

Chandrayaan-3 left from Sriharikota
श्रीहरिकोटा से रवाना चंद्रयान-3

By

Published : Jul 14, 2023, 3:31 PM IST

Updated : Jul 14, 2023, 10:19 PM IST

चंद्रमा के सफर पर रवाना हुआ चंद्रयान-3

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को यहां एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया. कल शुरू हुई 25.30 घंटे की उलटी गिनती के अंत में एलवीएम3-एम4 रॉकेट यहां स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से अपराह्न 2.35 बजे निर्धारित समय पर धुएं का घना गुबार छोड़ते हुए शानदार ढंग से आकाश की ओर रवाना हुआ.

प्रक्षेपण के सोलह मिनट बाद प्रक्षेपण माड्यूल रॉकेट से अलग हो जाएगा. एलवीएम3-एम4 रॉकेट अपनी श्रेणी में सबसे बड़ा और भारी है जिसे वैज्ञानिक फैट बॉय कहते हैं. प्रक्षपेण देखने के लिए मौजूद हजारों दर्शक चंद्रयान-3 के रवाना होते ही खुशी से झूम उठे. शुक्रवार को रवाना हुआ चंद्र मिशन 2019 के चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है. भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का है.

चंद्रयान-2 मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर विक्रम पथ विचलन के चलते सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल नहीं हुआ था. यदि इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है, तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा. इसरो ने पूर्व में कहा था कि चंद्रयान-3 कार्यक्रम के तहत इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल की मदद से चंद्र सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग और चंद्र भूभाग पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है.

एलवीएम3-एम4 रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था. अगस्त के अंत में चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनाई गई है. उम्मीद है कि यह मिशन भविष्य के अंतरग्रही अभियानों के लिए सहायक होगा. चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है जिसका उद्देश्य अंतर-ग्रहीय अभियानों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और प्रदर्शित करना है.

शुक्रवार का मिशन एलवीएम3 की चौथी अभियानगत उड़ान है जिसका उद्देश्य चंद्रयान-3 को भू-समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित करना है. इसरो ने कहा कि एलवीएम3 रॉकेट ने कई उपग्रहों को प्रक्षेपित करने, अंतरग्रही अभियानों सहित अधिकतर जटिल अभियानों को पूरा करने करने की अपनी विशिष्टता साबित की है. इसने कहा कि यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ग्राहक उपग्रहों को ले जाने वाला सबसे बड़ा और भारी प्रक्षेपण यान भी है.

इसे लेकर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा शुरू कर दी है. एलवीएम-3एम4 रॉकेट ने चंद्रयान-3 को सटीक कक्षा में स्थापित किया है. इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3, रॉकेट एलवीएम3-एम4 से सफलतापूर्वक अलग हो चुका है.

राष्ट्रपति ने दी वैज्ञानिकों को बधाई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने Chandrayaan-3 मिशन के पीछे इसरो टीम और सभी को बधाई दी. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित करते हुए चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया...यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के लिए देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. चंद्र मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं.

पीएम मोदी ने दी बधाई

इस मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसरो को बधाई दी. उन्होंने लिखा कि चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा. यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर इसरो को बधाई दी है.

उन्होंने लिखा कि भारत ने आज चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा शुरू की. इसरो के वैज्ञानिकों को मेरी हार्दिक बधाई, जिनकी अथक खोज ने आज भारत को पीढ़ियों के लिए एक उल्लेखनीय अंतरिक्ष यात्रा की पटकथा लिखने की राह पर आगे बढ़ाया है.

(अतिरिक्त इनपुट- पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 14, 2023, 10:19 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details