बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल पर लगे कैमरों द्वारा ली गईं चंद्रमा की तस्वीरें और वीडियो जारी किया है. प्रणोदन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल के गुरुवार को अलग होने के बाद ली गईं तस्वीरों और वीडियो में चंद्रमा की सतह पर गड्ढे दिखाई देते हैं जिन्हें इसरो द्वारा जारी की गईं तस्वीरों में 'फैब्री', 'जियोर्डानो ब्रूनो' और 'हरखेबी जे' के रूप में चिह्नित किया गया है (isro releases video and images of moon).
देश की अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की गईं तस्वीरों में 15 अगस्त को 'लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा' (एलपीडीसी) द्वारा ली गईं तस्वीरें और 17 अगस्त को प्रणोदन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल के अलग होने के ठीक बाद 'लैंडर इमेजर' (एलआई) कैमरा-1 द्वारा ली गईं तस्वीरें शामिल हैं.
चंद्रयान-3 डीबूस्टिंग ऑपरेशन :वहीं, इसरो ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल का डीबूस्टिंग (धीमा करना) ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है, जो इसे चंद्रमा के करीब ले जा रहा है, और इसका स्वास्थ्य ठीक है, सामान्य है. लैंडर मॉड्यूल जिसमें लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल है, 20 अगस्त को दूसरे डीबूस्टिंग ऑपरेशन से गुजरेगा, जिसे एक कक्षा में उतारा जाएगा जो इसे चंद्रमा की सतह के बहुत करीब ले जाएगा.
इसरो ने अपनी पोस्ट में कहा, चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को निर्धारित है. लैंडर मॉड्यूल (एलएम) का स्वास्थ्य सामान्य है. एलएम ने सफलतापूर्वक एक डीबूस्टिंग ऑपरेशन किया, जिससे इसकी कक्षा 113 किमी x 157 किमी तक कम हो गई. दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन 20 अगस्त, 2023 के लिए निर्धारित है.
14 जुलाई को उपग्रह लॉन्च होने के 35 दिन बाद, चंद्रयान -3 का लैंडर मॉड्यूल गुरुवार को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया था.
23 को होगी सॉफ्टलैंडिंग :करीब 600 करोड़ रुपये की लागत वाले भारत के तीसरे चंद्र मिशन का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर धीरे से उतारना है. चंद्रयान-2 मिशन इसी चरण में विफल हो गया था जब 'विक्रम' नामक लैंडर चंद्रमा पर सॉफ्टलैंडिंग करने की बजाय क्रैश लैंड कर गया था. इसरो के मुताबिक, लैंडर के 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने की उम्मीद है.