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Israel-Palestine War: बेथलहम में फंसे मेघालय के 27 तीर्थयात्री पहुंचे मिस्र, इजरायल-गाजा में अन्य भारतीय सुरक्षित

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि विदेश मंत्रालय और भारतीय मिशन के प्रयासों से, राज्य के 27 नागरिक, जो इज़रायल और फिलिस्तीन के युद्ध संघर्ष क्षेत्र में फंस गए थे, सुरक्षित रूप से सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर गए हैं.

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इजरायल फिलिस्तीन युद्ध

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 8, 2023, 10:16 PM IST

नई दिल्ली: मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि युद्धग्रस्त फिलिस्तीन और इजरायल में फंसे पूर्वोत्तर राज्य के 27 भारतीय सुरक्षित रूप से मिस्र पहुंच गए हैं. संगमा ने सोशल मीडिया प्लेलफॉर्म एक्स पर लिखा, 'नवीनतम जानकारी के अनुसार और विदेश मंत्रालय और हमारे भारतीय मिशन के प्रयासों के माध्यम से, मेघालय के हमारे 27 नागरिक, जो इज़रायल और फिलिस्तीन के युद्ध संघर्ष क्षेत्र में फंस गए थे, सुरक्षित रूप से सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर गए हैं.

इससे पहले, संगमा ने एक अलग पोस्ट में कहा था कि मेघालय के 27 नागरिक, जो पवित्र तीर्थयात्रा के लिए येरुशलम गए थे, इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव के कारण बेथलहम में फंस गए थे. क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच अब तक इज़रायल में रहने और काम करने वाले भारतीयों के साथ कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है, यहां तक​कि तेल अवीव में भारतीय दूतावास को देश में फंसे पर्यटकों सहित अपने नागरिकों से उनके सुरक्षित निकास की सुविधा के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं.

इज़रायल ने शनिवार की सुबह अपने दक्षिणी हिस्सों में गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास आतंकवादी समूह द्वारा हवाई, जमीन और समुद्र द्वारा एक आश्चर्यजनक और अभूतपूर्व मल्टीफ्रंट हमला देखा. इज़रायल में सैनिकों सहित कम से कम 600 इज़रायली मारे गए हैं और 1,900 से अधिक घायल हुए हैं. यह बीते कम से कम 50 वर्षों में देश के लिए सबसे घातक दिन रहा.

मीडिया रिपोर्टों में रविवार को कहा गया कि गाजा पट्टी में इजरायल के जवाबी हमले में लगभग 370 मौतें हुई हैं और लगभग 1,500 घायल हुए हैं. जानकार सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि इजरायल में लगभग 18,000 भारतीय नागरिक रह रहे हैं और काम कर रहे हैं और अब तक उनके साथ किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है. भारतीय दूतावास को देश में फंसे भारतीय पर्यटकों से उनके बाहर निकलने की सुविधा के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं.

अधिकांश पर्यटक समूहों में यात्रा कर रहे हैं. इजरायल का दौरा करने वाले कुछ व्यवसायी भी हैं, जो तनाव में फंस गए हैं और वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं. तेल अवीव में भारतीय मिशन और फिलिस्तीन में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने शनिवार को सलाह जारी कर संबंधित पक्षों के भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने और आपात स्थिति में सीधे कार्यालय से संपर्क करने को कहा.

दूतावास के सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि वे चौबीसों घंटे सभी भारतीय नागरिकों के लिए आसानी से उपलब्ध हैं और सक्रिय रूप से उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं. इज़रायल में रहने वाले भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा देखभाल करने वालों के रूप में काम करता है, लेकिन वहां लगभग एक हजार छात्र, कई आईटी पेशेवर और हीरा व्यापारी भी हैं.

हिब्रू विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की छात्रा बिंदू ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्होंने शनिवार को पूरे दिन निर्देशों का अक्षरश: पालन किया और सुरक्षित महसूस किया. उन्होंने कहा कि सभी भारतीय छात्र एक दूसरे के संपर्क में हैं और लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं. संपर्क करने पर कुछ अन्य छात्रों ने भी कहा कि उन्हें स्थिति नियंत्रण में आती दिख रही है और हमें अनावश्यक रूप से दहशत नहीं फैलानी चाहिए.

हिब्रू यूनिवर्सिटी के गिवत राम कैंपस में पोस्टडॉक्टरल फेलो विकास शर्मा ने कहा, 'हमले के कारण इजरायल में तनावपूर्ण स्थिति है, लेकिन सभी भारतीय छात्र सुरक्षित हैं. अधिकांश छात्र संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराए गए छात्रावासों और आवासों में रह रहे हैं. हम व्हाट्सएप के माध्यम से एक-दूसरे के साथ-साथ भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं.'

इज़राइल में देखभाल करने वाले भी भारतीय मिशन द्वारा साझा किए गए लिंक के माध्यम से होम फ्रंट के निर्देशों का पालन करने और पालन करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. एले प्रसाद, जो अश्केलॉन में रहते हैं, उन्होंने कहा, 'जहां सबसे ज्यादा रॉकेट गिरे हैं. उन्हें बहुत सतर्क रहना होगा ताकि सायरन बजने के बाद वे जल्द से जल्द शेल्टर हाउस पहुंचें.' एक अन्य देखभालकर्ता विवेक ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है, लेकिन वे सभी ठीक हैं और दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं.

संपर्क करने पर गाजा में रहने वाली एक भारतीय नागरिक ने कहा कि स्थिति डरावनी है, लेकिन वह और उसका परिवार सुरक्षित हैं. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, 'कोई इंटरनेट कनेक्शन और बिजली नहीं है. स्थिति डरावनी है लेकिन हम ठीक हैं.' येरुशलम में पीटीआई के संवाददाता के मुताबिक, शनिवार की रात ज्यादातर लोग अपनी इमारतों में आश्रय गृहों के करीब सोए और सुरक्षा बलों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया.

इजरायली लोग अभी भी मल्टीफ्रंट हमले और बड़े पैमाने पर खुफिया विफलता से सदमे में हैं. येरुशलम के पुराने शहर को बेथलेहम से जोड़ने वाली सड़क रविवार को सुनसान थी - यह दृश्य सामान्य समय में अकल्पनीय था. सुरक्षा बल यहां सड़कों पर गश्त कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं. यरुशलम शांत है और रविवार को यहां कोई हमला या किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.

दूतावास ने अपनी सलाह में कहा, इज़रायल में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यहां सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे सतर्क रहें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें. कृपया सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही से बचें और सुरक्षा आश्रयों के करीब रहें. सलाह में आपातकाल के मामले में प्रासंगिक फोन नंबर दिए गए और इज़रायली होम फ्रंट कमांड और तैयारियों के ब्रोशर के लिए यूआरएल भी दिए गए.

जानकारी के अनुसार यह एडवाइजरी अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं में जारी की गई. रविवार को भी इजरायल ने गाजा पर हमले जारी रखे, लेकिन इजरायल के दक्षिणी हिस्सों में छिपे कुछ घुसपैठिए इजरायली सैनिकों के साथ गोलीबारी में लगे रहे. सुबह के समय लेबनान के साथ इज़रायल की उत्तरी सीमा पर मामूली वृद्धि की सूचना मिली थी, लेकिन जल्द ही शांत हो गई.

(एजेंसी इनपुट)

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