नई दिल्ली : इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने बुधवार को कहा कि इजराइल का सामरिक महत्व के हाइफा बंदरगाह को भारतीय कंपनी अडाणी समूह को सौंपना, भारत पर उनके देश के भरोसे को प्रदर्शित करता है. भारत-इजराइल रक्षा सौदे में अडाणी समूह का पक्ष लेने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों संबंधी एक सवाल के जवाब में राजदूत ने कहा कि इजराइली कंपनियों के भारतीय कंपनियों के साथ करीब 80 संयुक्त उद्यम हैं. उन्होंने कहा कि रक्षा संबंध केवल एक कंपनी के बारे में नहीं होते हैं.
गिलोन ने संवाददाताओं से कहा कि जिन भारतीय कंपनियों के साथ इजराइली कंपनियों ने संयुक्त उद्यम किया है, उनमें टाटा समूह, कल्याणी कल्याण समूह, भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड, हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड, भारत डायनामिक्स लिमिटेड आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'मैं यहां इसे कोई मुद्दा नहीं देखता हूं. यह (संयुक्त उद्यम) केवल इजराइल की बात नहीं है. ये इजराइल की कंपनियां हैं. संयुक्त उद्यम पर इजराइल ने हस्ताक्षर नहीं किया है या उसे इजराइल ने आगे नहीं बढ़ाया है. इजराइल की कंपनियां भारतीय बाजार के लिये प्रासंगिक बने रहने और मजबूत एवं स्थिर विनिर्माण सहयोगी बनने के लिये ऐसा करती हैं.'
राजदूत ने कहा कि भारत और इजराइल प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने को उत्सुक हैं क्योंकि इससे सम्पूर्ण कारोबारी संबंधों को और गति मिलेगी. उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में होने वाली उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान मुक्त व्यापार समझौते को आगे बढ़ाया जा सकता है. भारत और इजराइल के द्विपक्षीय संबंधों के 30 वर्षो पर इजराइली राजदूत ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहद मजबूत करार दिया. उन्होंने कहा कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भरता के प्रयासों को समर्थन देना इजराइल के हित में है जो इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक भरोसे के कारण है.