मदुरै ट्रेन दुर्घटना के बाद आईआरसीटीसी करेगा अपनी पॉलिसी में बदलाव. देखें खबर लखनऊ : मदुरै में पर्यटक कोच में आग लगने की घटना से रेलवे और इंडियन रेलवे कैटरिजम एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं. ट्रेन कोच बुकिंग के दौरान अधिकारियों की लापरवाही साफ तौर पर उजागर हुई है. इस घटना के बाद अब आईआरसीटीसी कोच बुकिंग की पॉलिसी में बदलाव करने के बारे में सोच रहा है. अब कोच की बुकिंग करने वाले एजेंट को यह बताना होगा कि यात्रा के दौरान खान-पान की क्या व्यवस्था रहेगी? अगर खान-पान से संबंधित कोई व्यवस्था नहीं होगी तो आईआरसीटीसी की तरफ से विकल्प उपलब्ध कराएगा. थर्ड पार्टी बुकिंग एजेंट विकल्प स्वीकार करेगा तो फिर सारी जिम्मेदारी आईआरसीटीसी की ही होगी.
मदुरै ट्रेन दुर्घटना के बाद आईआरसीटीसी करेगा अपनी पॉलिसी में बदलाव. लखनऊ से रामेश्वरम के लिए रेलवे के पर्यटक कोच से यात्रा करने गए तीर्थ यात्रियों के साथ मदुरै में हाल ही में हादसा हो गया. ट्रेन जब यार्ड में खड़ी थी उसी समय गैस सिलेंडर पर चाय बनाते समय गैस के रिसाव के चलते ब्लास्ट हो गया और इसमें नौ लोगों की जलकर मौत हो गई. साथ ही 10 यात्री घायल हो गए. इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन और आईआरसीटीसी की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. सवाल यह है कि आखिर थर्ड पार्टी बुकिंग होने के बाद क्या यात्री अपने साथ क्या सामान लिए जा रहे हैं? इसकी जांच क्यों नहीं की गई. जब ज्वलनशील पदार्थ ले जाने की सख्त मनाही है फिर गैस सिलेंडर पहुंचा कैसे? अब यह सवाल रेलवे और आईआरसीटीसी के गले की फांस बना हुआ है.
ट्रेन कोच बुकिंग कराने वालों को देना होगा खानपान का ब्यौरा. मदुरै ट्रेन दुर्घटना के बाद आईआरसीटीसी करेगा अपनी पॉलिसी में बदलाव. सीआरएस इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं और अब विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि उनकी जांच रिपोर्ट के बाद कोच बुकिंग में कई बदलाव किए जा सकते हैं. नियम और भी सख्त किए जा सकते हैं. खासकर कोच बुकिंग करते समय एजेंट से यात्रा के दौरान खाने-पीने की व्यवस्था क्या रहेगी इसके बारे में स्पष्ट जवाब मांगा जाएगा. आईआरसीटीसी के सूत्र बताते हैं कि लंबी दूरी की यात्रा में चाय नाश्ता और खाने पीने की जरूरत को देखते हुए रेलवे आईआरसीटीसी की तरफ से विभिन्न स्टेशनों पर जो सुविधाएं उपलब्ध हैं उसका विकल्प भी रखा जाएगा. अगर आईआरसीटीसी की तरफ से सुझाए गए विकल्प पर बुकिंग एजेंट सहमत होगा तो कोच की बुकिंग की जाएगी. इस शर्त पर भी कोच की बुकिंग हो सकेगी कि अगर खाने पीने की व्यवस्था है तो रेलवे की तरफ से जारी स्पष्ट दिशा निर्देशों का उल्लंघन बिल्कुल न होने पाए नहीं तो कड़ी कार्रवाई होगी.
बुकिंग कराने वालों को देना होगा खानपान का ब्यौरा.
बचत के लिए नहीं लेते पैकेज
पर्यटकों को यात्रा करने वाले बुकिंग एजेंट इसलिए आईआरसीटीसी की तरफ से उपलब्ध पैकेज नहीं लेते हैं. क्योंकि यह पैकेज अगर लेंगे तो खाने-पीने में उनका काफी खर्च हो जाएगा. जबकि खाने पीने की अपनी व्यवस्था रखने से खर्च काफी कम होता है और यही उनके लिए फायदे का सौदा साबित होता है. यही वजह है कि सीतापुर का भसीन टूर एंड ट्रेवल्स मालिक भी अपने साथ ही खाने पीने की पूरी व्यवस्था लेकर चलता था. कोच में ही खाना पकाया जाता था. जिससे अतिरिक्त खर्च नहीं होता था.
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