नई दिल्ली : ओडिशा हादसे के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें आ रहीं हैं, जिससे लोगों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. कहा जा रहा है कि लोगों ने बड़ी स्ंख्या में अपनी टिकटें रद्द करा ली हैं. हालांकि, रेलवे ने इन खबरों का खंडन किया है.
इंडियान रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) ने इस दावे को झूठा बताया है. कांग्रेस पार्टी ने दावा किया था कि ओडिशा रेल दुर्घटना के बाद कैंसिलेशन की संख्या बढ़ गई है. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्त चरण दास ने कहा कि रेल दुर्घटना के बाद हजारों लोगों ने अपने टिकट रद्द करा लिए हैं, क्योंकि वे डरे हुए हैं. दास ने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा रेल हादसा था. सैंकड़ों लोगों ने अपनी जान से हाथ धो लिया. एक हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए. इसलिए इस घटना के बाद से यात्री डरे हुए हैं और वे रेल से यात्रा को सुरक्षित नहीं मान रहे हैं.
कांग्रेस नेता के दावे का जवाब देते हुए आईआरसीटीसी ने नया आंकड़ा जारी किया. आईआरसीटीसी ने बताया कि एक जून को कैंसिलेशन की संख्या 7.7 लाख थी, जबकि तीन जून को कैंसिलेशन की संख्या 7.5 लाख हुई, यानि दुर्घटना के बाद कैंसिलेशन की संख्या कम हुई, न कि बढ़ी. आपको बता दें कि गत शुक्रवार को शाम सात बजे के करीब तीन ट्रेनों की टक्कर हो गई थी. भीषण हादसे में 275 लोगों की जान चली गई थी. 1100 से अधिक लोग घायल हुए थे.
इस बीच रेल हादसे वाली जगह पर सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम पहुंची. टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया. उसके बाद सीबीआई ने इस मामले में केस भी रजिस्टर्ड किया. आज ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहुंची हैं. वह दोबारा से ओडिशा आई हैं. उन्होंने घायलों से मुलाकात की है. उनकी इस यात्रा को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है. भाजपा ने इस यात्रा पर ही सवाल उठाए हैं. प.बंगाल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बार-बार ममता का वहां पर पहुंचना सवाल खड़े कर रहा है. अधिकारी ने कहा कि कहीं यह टीएमसी का षडयंत्र तो नहीं है. टीएमसी ने भाजपा के इस रूख को खतरनाक बताया है.
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