मुंबई : पुलिस ने पिछले महीने (26 अप्रैल और 28 अप्रैल) शुक्ला को दो समन जारी कर उनसे अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई में बीकेसी साइबर विभाग के समक्ष पेश होने के लिए कहा था. हालांकि शुक्ला इन समन पर पेश नहीं हुईं.
यह मामला पुलिस तैनाती से संबंधित संवेदनशील दस्तावेजों को कथित तौर पर लीक करने से भी जुड़ा है. पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की खंडपीठ को बृहस्पतिवार को बताया कि साइबर शाखा पुलिस की एक टीम को मामले में शुक्ला के बयान दर्ज कराने के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा.
शुक्ला अभी हैदराबाद में तैनात हैं. शुक्ला की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि यह मामला शासकीय गोपनीयता कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय टेलीग्राफ कानून के तहत अपराध से जुड़ा है जिसमें तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है. उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता हैदराबाद में सेवारत हैं.
संभवत: वह कोविड-19 महामारी के कारण पूछताछ के लिए यहां पुलिस के समक्ष पेश नहीं हो सकती. न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि हम गर्मियों की छुट्टी के बाद इस याचिका पर सुनवाई करेंगे. तब तक राज्य सरकार यह बयान दें कि वह कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करेगी.