देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा भर्ती प्रकरण (Uttarakhand Assembly Recruitment Scam) के संबंध में जांच रिपोर्ट कोटिया जांच समिति ने गुरुवार को देर रात्रि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण को सौंपी. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि वो दो दिन के अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार के भ्रमण कार्यक्रम पर थीं. गुरुवार देर रात देहरादून उनके शासकीय आवास पर पहुंचने पर जांच समिति ने उन्हें रिपोर्ट सौंप दी.
विधानसभा अध्यक्ष (uttarakhand speaker ritu khanduri) ने बताया कि जांच रिपोर्ट सौंपते समय जांच समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया, एसएस रावत एवं अवनेंद्र सिंह नयाल मौजूद रहे. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि समिति ने नियुक्तियां रद्द करने की संस्तुति की है. नियुक्तियां रद्द करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. 2016 से 2022 तक की कुल 228 तदर्थ नियुक्तियों को रद्द करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. वहीं, विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका को संदेह के घेरे में पाते हुए उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
इन भर्तियों को निरस्त करने की संस्तुति: जांच रिपोर्ट मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने साल 2016 की 150 भर्तियां, साल 2020 की 6 भर्तियां और 2021 की 72 तदर्थ भर्तियों को निरस्त करने की संस्तुति शासन को भेजी है.
- विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की मुख्य बातें-विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट 20 दिन में तैयार हुई.
- 1 महीने से पहले रिपार्ट तैयार की गई.
- 2016 और 2021 में नियुक्तियों में अधिक गड़बड़ियां थीं.
- नियमों विरुद्ध नियुक्तियों को निरस्त करने का सुझाव समिति ने दिया.
- इन नियुक्तियों में किसी तरह का विज्ञापन जारी नहीं किया गया.
- कोई परीक्षा आयोजित नहीं की गई.
- साल 2016 से 2022 तक की कुल 228 तदर्थ नियुक्तियों को रद्द करने का प्रस्ताव शासन को भेजा.
- उपनल से भरे गए 22 पदों को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त.
- 32 पदों पर हुई सीधी भर्तियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त.
- विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका सवालों के घेरे में, तत्काल प्रभाव से निलंबित.
- 2011 से पहले की भर्तियां पाई गईं सही. इन भर्तियों का नियमितीकरण हो चुका था.