आगराःआगरा मेट्रो लोगों का सफर बेहतर बनाने के साथ ही महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रही है. सरकार की मंशा सन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ताजनगरी में मेट्रो दौड़ने की है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो पहली आगरा मेट्रो की कमान महिला ड्राइवर के हाथ ही होगी. इसको लेकर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) तेजी से काम कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आपको मिलवाते हैं उन इंजीनियर महिलाओं से जो आगरा मेट्रो के अलग-अलग फील्ड में महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन परिचय दे रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में आगरा मेट्रो की इंजीनियर महिलाओं ने कहा कि आज बेटियां किसी से कम नहीं हैं. उनकी मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है. अपनी मेहनत के दम और काबिलियत से वह हर मुकाम हासिल कर रही हैं.
बता दें कि यूपीएमआरसी की लखनऊ और कानपूर मेट्रो में महिलाएं ट्रेन ऑपरेशन्स से लेकर सिविल, रोलिंग स्टॉक, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग में अपनी काबिलियत के जौहर दिखा रही हैं. आगरा मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है. मेट्रो में सिविल वर्क, इलेक्ट्रिकल और जनसंपर्क विभाग में 4 महिलाएं जॉब कर रहीं हैं. आने वाले दिनों में भी इस कार्य में महिलाओं की संख्या और बढ़ेगी.
पिता की इच्छा इंजीनियरःझांसी निवासी स्वर्णलता आगरा मेट्रो में असिस्टेंट मैनेजर (इलेक्ट्रिकल) हैं. स्वर्णलता ने बताया कि, 'मैंने 2019 में जूनियर इंजीनियर के पद पर ज्वाॅइन किया था. इसके बाद साल 2020 में किसी कारण वश मुझे यह जाॅब छोड़नी पड़ी. इसके बाद फिर मैंने आगरा मेट्रो में असिस्टेंट मैनेजर (एएम) के पद पर ज्वाॅइन किया. मेरे पिता रिटायर्ड एसआई हैं. मेरे परिवार में सभी अलग-अलग फील्ड में है. पिताजी की इच्छा भी यही रही थी कि सभी बच्चे अलग-अलग क्षेत्र में जाएं. इसलिए, मेरी बड़ी बहन डाॅक्टर, एक शिक्षिका, बड़े भाई अधिवक्ता और छोटा भाई लगातार काॅम्प्टीशन की तैयारी कर रहा है. मैंने इंजीनियरिंग की और आगरा मेट्रो में सेवाएं दे रही हूं.'