नई दिल्ली :केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के जीनोम अनुक्रमण से चिंता पैदा करने वाले वायरस के नए स्वरूपों का जल्द पता लगाने में मदद मिली और इसे राज्यों के साथ भी साझा किया गया. मंत्रालय ने यह भी रेखांकित किया कि वायरस के स्वरूप बदलने का समय 10 से 15 दिनों का था.
मंत्रालय ने कहा कि बीमारी के प्रसार और गंभीरता पर ज्ञात स्वरूपों के प्रभाव के बारे में पहले से जानकारी है. लेकिन नए म्यूटेशन या स्वरूप की जांच के लिए और महामारी विज्ञान के परिदृश्यों तथा नैदानिक परिप्रेक्ष्य के साथ जीनोमिक म्यूटेशन के सहसंबंध के लिए, मामलों के रुझान, नैदानिक गंभीरता और जीनोमिक स्वरूपों के साथ नमूनों के अनुपात की निगरानी महत्वपूर्ण है.
मंत्रालय ने कहा कि वैज्ञानिक रूप से वैध साक्ष्य एकत्र करने के लिए इन्हें कुछ हफ्तों में किया जाना है. मंत्रालय ने कुछ मीडिया रिपोर्टों का भी हवाला दिया जिनमें आरोप लगाया गया है कि देश में अनुक्रमण की मात्रा कम है.
पढ़ें -कोविड से जितनी मौत हुई, उसकी तुलना में टीका के बाद मौत नगण्य : सरकार