इंदौर।बेलेश्वर महादेव मंदिर में रामनवमी के दिन हवन के दौरान दिल दहला देने वाला हादसा हुआ था. स्लैब से ढंकी गई बावड़ी का छत गिरने से करीब 54 लोग इसमें गिर गए थे. 18 लोगों को बावड़ी से रेस्क्यू के दौरान निकाल लिया गया था. इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंदिर से अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए थे. अब 4 दिन बाद नगर निगम की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ मंदिर पहुंच कर अतिक्रमण पर जेसीबी चलाई. इस दौरान 5 जेसीबी की मदद से दीवारों को तोड़ा गया.
कार्रवाई का विरोध करने वालों को खदेड़ा :इंदौर नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने संवाददाताओं से कहा, "हमने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक उद्यान में सभी अवैध निर्माण हटा दिए हैं. बावड़ी को मलबे से भर दिया गया है ताकि कोई दुर्घटना न हो." उन्होंने कहा कि 30 मार्च की घटना के बाद उस जगह पर भूस्खलन का खतरा होने के कारण इमारत के बगल में बने निर्माण को भी ध्वस्त कर दिया गया है. बेलेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित देवताओं की प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना करने के बाद अन्य मंदिर में स्थापित कर दी गई हैं. नगर निगम की कार्रवाई के विरोध में हिंदू संगठनों के लोग विरोध करने पहुंचे. इन्होंने सिंधी कॉलोनी में जुलूस निकाला और नारेबाजी की. विहिप के एक स्थानीय पदाधिकारी ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई अवैध है. त्रासदी को रोकने के लिए नगर निगम की विफलता को छिपाने के लिए ये कार्रवाई की जा रही है. कार्रवाई का विरोध करने वालों को पुलिस ने सख्ती कर वहां से हटाया.